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CT Scan बन सकता है कैंसर का कारण, 300-400 X-Ray के बराबर

 

नई दिल्ली: आज कल आप ये बहुत सुन रहे होंगे कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामूली लक्षण हैं तो वो सीटी स्कैन (CT Scan) करा रहे हैं. क्योंकि कोरोना का नया वैरिएंट RT-PCR टेस्ट में तो नहीं पकड़ा जाता, लेकिन सीटी स्कैन की जांच में ये पकड़ा जाता है. लेकिन अब जो नई स्टडी आई है, वो ये कहती है कि मामूली लक्षण होने पर सीटी स्कैन नहीं कराना चाहिए, क्योंकि इससे निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर (Cancer) हो सकता है.

कोरोना पेशेंट को कब कराना चाहिए CT Scan?

इस सवाल का जवाब देने से पहले हम आपको ये बताते हैं कि CT Scan क्या है. सीटी का मतलब होता है कंप्यूटेड टोमोग्राफी (Computed Tomography). इस तकनीक की मदद से छाती या फिर मस्तिष्क को स्कैन किया जाता है. कुल 11 प्रकार के सीटी स्कैन होते हैं. कोरोना के मामले में मरीज लंग्स का सीटी स्कैन कराते हैं, जिससे उन्हें ये पता चल जाता है कि उनके फेफड़ों में वायरस फैला है या नहीं. 

सीटी स्कैन बन सकता है कैंसर का कारण

बड़ी बात ये है कि कोरोना का नया वैरिएंट RT-PCR टेस्ट को तो चकमा दे सकता है, लेकिन ये सीटी स्कैन में पकड़ा जाता है. इसलिए लोग सीटी स्कैन पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं. लेकिन इसके नुकसान भी हैं. इससे कैंसर भी हो सकता है. दरअसल, सीटी स्कैन में शरीर के आंतरिंक अंगों की गहराई से तस्वीर ली जाती है, और ऐसा करते समय सीटी स्कैन से काफी मात्रा में रेडिएशन निकलता है, जो कैंसर का भी कारण बन सकता है. 


1 सीटी स्कैन 300-400 x-Ray के बराबर

महत्वपूर्ण बात ये है कि एक सीटी स्कैन 300 से 400 बार चेस्ट X-Ray कराने के बराबर होता. जब कोई व्यक्ति एक महीने के अंतराल पर या दो महीने के अंतराल पर बार-बार सीटी स्कैन कराता है तो उससे वो रेडिएशन के संपर्क में आता है और उसे कैंसर हो सकता है. आज AIIMS दिल्ली के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने भी इसकी जानकारी दी और बताया कि मामूली लक्षण होने पर मरीज को सीटी स्कैन नहीं कराना चाहिए.

वैक्सीन की दो डोज जरूरी पर जान लें ये अहम बात

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने आज एक और महत्वपूर्ण बात बताई. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी चाहिए. अगर किसी व्यक्ति को पहली डोज लगवाने के बाद कोरोना वायरस हुआ है तो उसे वैक्सीन की दूसरी डोज ठीक होने के 2 से 8 हफ्तों का इंतजार करना चाहिए और इसके बाद वैक्सीन की दूसरी डोज जरूर लेनी चाहिए. सबसे अहम अगर आपको मामूली लक्षण हैं, बुखार है या सर्दी जुकाम है, तब भी डॉक्टर वैक्सीन नहीं लगवाने की सलाह देते हैं. आप ठीक होने के बाद इसे लगवा सकते हैं, ताकि अगली बार ये वायरस से लड़ने के लिए आपके शरीर में रक्षा कवच का काम करे.

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