भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

दमोह विधानसभा उपचुनाव में बनते बिगड़ते समीकरण

दमोह। पहाड़ के झुकने का समाचार मिलते ही जहां जमीनी स्तर के कार्यकर्ता प्रसन्न हो रहे थे तो वहीं दूसरी ओर जन में चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो रहा था इस बात को लेकर कि झुकाया तो किसी को भी जा सकता है, परन्तु झुकाने वाला चाहिये बात एक कद्दार नेता और कभी कद्दार रहे नेता की है। 
बता कर रहे हैं दमोह विधानसभा चुनावों (Damoh Assembly By-election) की जहां 55 के उपचुनाव (Bye election) का बिगुल बजने के पूर्व से ही दमोह की राजनीति में अनेक उतार चढाव दिखलाई दे रहे थे साथ में इस बिषय को लेकर जन चर्चा भी बन रही थी। कयासों के दौर लगाये जा रहे थे पर अब उन पर विराम लग गया है तो युवराज का यह कहना कि पिता के आदेश पर निर्णय लिया है यात्रा पर विराम लगा है पूर्ण विराम नहीं के अनेक मायने निकाले जा रहे हैं?
सूत्र बताते हैं कि घाव बढे गहरे हैं और यह आसानी से भरने वाले नहीं हैं यह बात अलग है कि हम साथ साथ हैं की तर्ज पर सब कुछ सामान्य दिखलाने और जताने की बात हो रही हो? चरण वंदना और व्यक्ति परिक्रमा में सदैव दिखयी देने वाले अब संगठन के मंदिर में जाकर पतिव्रता की बात का अहसास कराने और दिखलाने का प्रयास कर रहे हैं, परन्तु मन में तो वही बसे हैं जिनकी चर्चा लगातार हो रही है? 
यह बात अलग है कि संगठन के कुछ कद्दार नेता इनके दांत तोड चुके हैं परन्तु सांप तो सांप होता है वह आस्तीन से निकलकर गले में भक्ति की माला डालकर जन को भ्रमित करने का प्रयास करने में लगे होने की इस समय चर्चा बनी हुई है? अनेक तो एैसे भी हैं जो कद्दार नेताओं के स्वच्छ दामन पर दाग नहीं पूरा काला करने का अनेक बार प्रयास कर चुके हैं बात लोक सभा चुनाव हो या फिर अन्य चुनाव की लोग इस बात की भी चर्चा करने में लगे हुये हैं।

एक साथ दो मुहरे पर लडना-
दमोह विधानसभा 55 उप चुनाव में सत्तारूढ दल भाजपा के प्रत्याशी को एक नहीं दो मुहरे पर चुनाव लडना पड रहा है एक कुछ अपनो से दूसरे जो कभी अपने थे। यह दुहरे मोहरे की लडाई बडी अजीब सी स्थिति अनेक बार पैदा कर रही है जिसकी जन चर्चा बन रही है। दोनो में सजग,सर्तक रहने की आवश्कता है नहीं तो ? वैसे रणनीतिकारों की फौज खडी है परन्तु विभीषण भी कुछ कम नहीं हैं? उपेक्षित और अपेक्षित नहीं कार्यकर्ता अपना कर्तव्य समझ अनेक जगहों पर मैदान में लगे देखे जा रहे हैं वहीं गले में पट्टे वाले अनेक एैसे हैं जो?
संगठन के सामने खुलती पोल
दमोह विधानसभा 55 के उपचुनाव के दौरान संगठन के रणनीतिकारों के सामने स्थिति स्पष्ट होने से अनेक पट्टेदारों की कलई खुलती होने की जमकर चर्चा बनी हुई है । जानकार बताते हैं कि बिल्ला बिल्ली इस प्रयास में लगे हुये हैं कि कब मालिक की नींद लगे और, परन्तु भाई साहब रूपी चौकीदार पहरे पर होने से स्थिति चर्चाओं में बनी हुई है। जानकारों की माने तो संगठन जब-जब सत्ता के चरणों में पहुंचा है परिणाम एैसे ही आये है जैसे यहां दिखयी दे रहे हैं? सत्ता के केन्द्र से चलते संगठन का परिणाम सामने आ रहा है? वैसे आज भी स्थिति में उतना सुधार नहीं हुआ जितना होना चाहिये कर्मठ, जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में एैसे अनेक हैं जो समर्पित होने के साथ ही स्वाभिमानी भी हैं जिनकी दम पर पार्टी को मिलती है सफलता, परन्तु वह वैसे ही है जैसे नींव के पत्थर होते हैं।(हि.स.

 

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