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J&K: परिसीमन आयोग ने जारी की फाइनल रिपोर्ट, इतनी सीटों पर लड़ा जाएगा चुनाव


नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने को लेकर परिसीमन आयोग ने विधान सभा क्षेत्रों के परिसीमन पर अपनी आखिरी रिपोर्ट जारी कर दी है. परिसीमन आयोग की ओर से इस रिपोर्ट को गुरुवार को नई दिल्ली में जारी किया गया. इस रिपोर्ट के जारी होते ही केंद्र शासित प्रदेश में विधान सभा चुनावों का रास्ता साफ हो गया है. अब जल्द ही जम्मू कश्मीर में चुनाव हो सकते हैं.

J&K में होंगीं 90 विधान सभा सीटें
इस रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार 9 विधान सभा सीटें ST के लिए रिजर्व होंगी. इसके साथ ही पांचों लोक सभा सीटों में बराबर-बराबर विधान सभा सीटें रहेंगी. आपको बता दें कि अब केंद्र शासित प्रदेश में कुल 90 विधान सभा सीटें होंगी. इसमें से 43 सीटें जम्मू वाले हिस्से में और 47 सीटें कश्मीर वाले हिस्से में रहेंगी और विधान सभा का पूरा एरिया उस जिले में ही रहेगा.

PoK के लिए अतिरिक्त सीटों की मांग
जम्मू कश्मीर के लिए गठित परिसीमन आयोग ने विधान विधान सभा सीटों के परिसीमन का काम पूरा कर लिया है. आयोग की तरफ से आज इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. आयोग ने विधान सभा में अतिरिक्त सीटों की भी सिफारिश की है. इसमें पाक ऑक्यूपाइड जम्मू कश्मीर (PoK) से माइग्रेंट और विस्थापित होकर आए लोगों के बारे में जिक्र है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित हुए परिसीमन आयोग में, मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू कश्मीर के स्टेट इलेक्शन कमिश्नर केके शर्मा हैं.


कुछ ऐसी होगी नई विधान सभा की प्रस्तावित तस्वीर

  • कुल सीटें: 90
  • कश्मीर संभाग: 47
  • जम्मू संभाग: 43
  • अनुसूचित जाति: 07
  • अनुसूचित जनजाति: 09
  • प्रत्येक लोकसभा में: 18 विधान सभा क्षेत्र

क्या होता है परिसीमन?
परिसीमन का अर्थ किसी भी राज्य के निर्वाचन क्षेत्र की सीमा तय करना है. जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद परिसीमन चर्चा में है. परिसीमन का काम किसी उच्चाधिकार निकाय को दिया जाता है. केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद प्रदेश में एक बार फिर परिसीमन के लिए आयोग बनाया गया है.

J&K में आखिरी बार परिसीमन कब हुआ था?
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार परिसीमन सन 1995 में हुआ था. उस समय जम्मू-कश्मीर में 12 जिले और 58 तहसीलें हुआ करती थीं. फिलहाल राज्य में 20 जिले हैं और 270 तहसील हैं. पिछला परिसीमन 1981 की जनगणना के आधार पर हुआ था. इस बार परिसीमन आयोग 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का काम कर रहा है.

कब होंगे चुनाव?
गौरतलब है कि फाइनल रिपोर्ट आने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधान सभा चुनाव अक्टूबर में कराए जा सकते हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने फरवरी में कहा था कि परिसीमन की प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है. अगले छह से आठ महीने में विधान सभा के चुनाव होंगे.

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