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उत्तराखंड के जोशीमठ में होटलों को गिराने में लग सकते हैं सात दिन, बारिश-बर्फबारी से रुका काम

नई दिल्ली (New Delhi) । जोशीमठ (Joshimath) में गुरुवार को बाकी दिनों के मुकाबले हलचल ज्यादा रही. आखिरकार तमाम कोशिशों के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया गया और होटल मलारी (Hotel Malari) को तोड़ने का काम शुरू हुआ. गुरुवार को वहां एक तरफ SDRF-NDRF और पुलिसकर्मी दिखे. वहीं दूसरी तरफ था होटल मलारी के मालिक का परिवार जो अपने जान से प्यारे होटल के तोड़े जाने से भावुक हो गए थे.

धंसते जोशीमठ में सबसे पहले दो होटलों (मलारी हिल्स, माउंट व्यू) को ही गिराया जाना है. ये दोनों ही होटल एक दूसरे की तरफ झुक गए हैं, इनके गिरने से दूसरी इमारतों को नुकसान होने का खतरा बना हुआ है. हालांकि, होटल मलारी को तोड़ने का काम कुछ ही घंटों के भीतर ही बारिश की वजह से रुक गया. अब अगर शुक्रवार को मौसम ठीक रहा तो दोबारा शुरू होगा.

दिल पर पत्थर रखकर प्रोपर्टी छोड़ी
होटल मलारी को गिराने का फैसला प्रशासन पहले ही ले चुका था. लेकिन इस काम में प्रदर्शन कर रहे लोग रुकावट बन गए थे. उन स्थानीय लोगों की मांग थी कि उनका घर, होटल गिराने से पहले सरकार मुआवजे और विस्थापन को लेकर नीति साफ करे. फिर सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद जोशीमठ आए. बुधवार रात को वह वहीं रुके और दरार वाली इमारतों का जायजा लिया. फिर गुरुवार को वह लोगों को भरोसा देकर गए कि फिलहाल किसी का घर नहीं तोड़ा जाएगा और सिर्फ खतरों वाले होटलों को गिराया जाएगा.


इसके बाद दोपहर को तीन बजे के बाद पुलिस और SDRF की टीम ने होटल मलारी हिल्स को अपने कब्जे में ले लिया. इलाके को खाली कराया गया और सड़क पर आवाजाही रोक दी गई.

इस बीच मलारी होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा और उनके परिवार की कुछ तस्वीरें भी सामने आई. परिवार की महिलाएं रोते हुए दुख बयान कर रही थीं. वहीं ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि पड़ोसियों की भलाई के लिए उन्होंने होटल को गिराने की इजाजत दे दी है.

सबसे पहले तोड़ा जाएगा 7 मंजिला होटल, लग सकते हैं सात दिन
मलारी होटल कुल मिलाकर सात मंजिल है. होटल का सबसे ऊपर का हिस्सा पहले तोड़ा जाएगा. इसके लिए मजदूर टायर लेकर पहुंचे थे. इन टायरों पर मलबा गिराया जाएगा ताकि मलबा गिरने पर कोई कंपन ना हो. गुरुवार को एसडीआरएफ की टीम 7 मंजिला इमारत को तोड़ने के लिए सबसे पहले उसकी छत पर गई. वहां से पानी की टंकियों को पाइप लाइन से अलग किया गया. फिर एक-एक करके सामान को रस्सियों के सहारे हटाया गया.

होटल मलारी के बाद होटल माउंटव्यू को भी तोड़ा जाएगा. लेकिन इन सब में समय लग सकता है, क्योंकि इसके लिए ना तो जेसीबी मशीन का इस्तेमाल होगा और ना ही बड़े मैकेनिकल हैमर का इस्तेमाल किया जाएगा. इसे मैनुअली तोड़ा जाएगा और एक-एक करके इसके मलबे को ट्रकों में भरकर बाहर भेजा जाएगा. मतलब इन होटलों को डिसमैंटल किया जाएगा.

उत्तराखंड के आईजी ने इसपर कहा है कि इस ऑपरेशन में समय लग सकता है लेकिन इसे 24 घंटे चलाया जाएगा और दिन-रात काम होगा ताकि जोशीमठ में किसी बड़े अनहोनी को रोका जा सके.

बारिश ने डाली खलल, बढ़ी टेंशन
शाम होते-होते मौसम ने ऑपरेशन में खलल डाल दी. जोशीमठ में जहां बरसात होने लगी वहीं जोशीमठ से ऊपर की पहाड़ियों में भारी बर्फबारी की खबर आई. इसके चलते लोगों को आशंका है कि अगर बर्फबारी तेज हुई और बारिश तेज हुई तो पहाड़ के धंसने और जमीन के खिसकने की रफ्तार बढ़ जाएगी ऐसे में लोगों पर संकट बढ़ सकता है.

शुक्रवार को इमारत गिराने की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू होगी लेकिन यह सब कुछ निर्भर करता है कि मौसम कैसा होगा. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट की निगरानी में इस इमारत को गिराया जा रहा है जो हर बारीकी पर नजर बनाए हुए हैं. अब शुक्रवार का इंतजार है ताकि प्रक्रिया फिर से शुरू हो लेकिन एसपी जोशीमठ के लोग प्रार्थना करने हैं कि मौसम खराब ना हो.

सीएम धामी की मीटिंग आज
जोशीमठ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि लोगों को डेढ़ लाख रुपए प्रारंभिक तौर पर मुआवजा दिया जा रहा है और आगे के मुआवजे के लिए कमेटी बनाई गई है जो नुकसान की भरपाई करेगी. सीएम पुष्कर धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार दोपहर 12 बजे कैबिनेट मीटिंग होगी. इसमें जोशीमठ राहत प्लान पर चर्चा हो सकती है.

संकट के बीच जोशीमठ से लोगों के पलायन का दौर लगातार जारी है. जहां-जहां घरों में दरार पड़ी हैं वहां से लोग लगातार सामान लेकर निकल रहे हैं लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के घर खाली करने का इंतजार है. लगभग 730 मकान चिन्हित किए गए हैं जो खतरे की जद में हैं लेकिन एक सौ दस से ज्यादा परिवार ऐसे हैं जिन्हें अब तक वहां से निकाला जा चुका है और सुरक्षित इलाकों पर उन्हें पहुंचाया जा चुका है.

कर्णप्रयाग में भी बिगड़े हैं हालात
जोशमीठ की तरह चमोली जिले के ही कर्णप्रयाग में हालात बिगड़ रहे हैं. जोशीमठ से 75 किलोमीटर दूर कर्णप्रयाग की बहुगुणा कॉलोनी में 2 दर्जन से ज्यादा मकानों में दरारे आ गई हैं. बहुगुणा कॉलोनी के इन मकानों में पहली दरार करीब एक दशक पहले नजर आई लेकिन अब ये दरारें इतनी चौड़ी और लंबी हो गई हैं. जोशीमठ के बाद अब प्रशासन वहां भी एक्टिव हो गया है. जिला प्रशासन ने बहुगुणा कॉलोनी के लोगों को तुरंत घर खाली करने को कहा है. कहा गया है कि वे लोग पास के रैन बसेरा में शिफ्ट हो जाएं.

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