राजस्थान के अंदर लगातार डेंगू के केस में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य में तकरीबन डेंगू के छह हजार केस हैं और अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी जयपुर (capital jaipur) के अस्पतालों का हाल भी काफी ज्यादा बुरा है। बेड नहीं हैं और मरीज काफी परेशान हैं। ऐसे में खुद सरकार का भी चिंतित होना स्वाभाविक है। खुद स्वास्थ्य मंत्री (health minister) रघु शर्मा कह रहे हैं कि हम जल्द से जल्द स्थिति में सुधार करेंगे और लोगों से अभी अपील की है कि पानी को इकट्ठा ना होने दें। इसके साथ ही मेडिकल स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है।
राजस्थान में डेंगू मामले(dengue cases) पर स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि डेंगू के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग प्रभावी नियंत्रण के लिए डोर टू डोर सर्वे और फॉगिंग का काम कर रहा है। मरीजों को बेड मिले ये सरकार की ज़िम्मेदारी है और उसे हम सुनिश्चित करेंगे। राजस्थान में डेंगू से अब तक 10 लोगों की मौत हुई है।
डेंगू और दूसरी मौसमी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप के बीच राजस्थान सरकार ने बुधवार से ‘डेंगू मुक्त राजस्थान’ अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके तहत सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष व विशेष टीमें गठित की गई हैं, साथ ही चिकित्साकर्मियों की छुट्टियों पर भी रोक लगा दी गई है। रघु शर्मा ने मंगलवार को चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ मौसमी बीमारियों, कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण व जांच तथा ऑक्सीजन संयंत्र (oxygen plant) आदि की विभागीय तैयारियों व प्रगति की समीक्षा की।
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एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम और उपचार व्यवस्था की समीक्षा करते हुए 20 अक्टूबर से तीन नवम्बर तक डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान चलाने के निर्देश दिए। इसके तहत सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष व त्वरित प्रतिक्रिया बलों का गठन किया गया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी घर में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का रोगी पाए जाने पर आसपास के 50 घरों में लारवा नष्ट करने की गतिविधियां की जाएं। बयान के अनुसार इसके साथ ही चिकित्सा कर्मियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है और प्रभावित जिलों में राज्य स्तर से नॉडल अधिकारी भेजे जाएंगे। चिकित्सा मंत्री ने कोरोना वायरस संक्रमण और टीकाकरण की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिकारी और कर्मी राजस्थान को टीकाकरण में अग्रणी बनाये रखने के लिए निरन्तर प्रयास करें।
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