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कोरोना के बावजूद भारत-अमेरिका सैन्य संबंधों में आई बढ़ोतरी


वॉशिंगटन । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने अपने यूएस (America) प्रवास के दौरान अमेरिकी रक्षा सचिव (US Defence Secretary) लॉयड जेम्स ऑस्टिन (Lloyd Austin) के साथ बातचीत की है और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग, हिंद-प्रशांत एवं व्यापक हिंद महासागर क्षेत्र (Indo-Pacific Region) समेत क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की.

भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि एक दशक के अंदर अमेरिका (America) से हमारी रक्षा आपूर्ति बिल्कुल नहीं से बढ़कर 20 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है. हम अमेरिकी कंपनियों की ओर से भारत में निवेश करने और मेक इन इंडिया (Make In India) प्रोग्राम में सहयोग करने की अपेक्षा करते हैं.
इसके साथ इसे लेकर कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद भारत-अमेरिका सैन्य संबंधों में बढ़ोतरी हुई है. संचार में उच्च क्षमता, जानकारी शेयर करने और आपसी रसद समर्थन में बढ़ोतरी देखी गई है. ये हमारी रक्षा साझेदारी में बढ़ोतरी के पैमाने का प्रतिबिंब है.


इस दौरान विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर का कहना रहा कि भारत-अमेरिका के बीच चौथी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है. 2+2 प्रारूप का उद्देश्य हमारी साझेदारी को और अधिक एकीकृत बनाना है. ये तेजी से प्रासंगिक हो गया है, क्योंकि हमारी साझेदारी का दायरा और तीव्रता लगातार बढ़ रही है. साथ ही कहा कि हमारी भागीदारी का महत्वपूर्ण केंद्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित है.

उन्‍होंने कहा, हमने देखा है कि पिछले एक साल में क्वाड ने बड़ी तेजी से काम करते हुए नई ऊंचाई को छुआ है. इस संबंध में हमारी उपलब्धियों में व्यापक गूंज सुनाई दी है. वहीं, अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जेम्स ऑस्टिन ने कहा कि हमें अपने पहले रक्षा ढांचे पर हस्ताक्षर किए लगभग 2 दशक हो चुके हैं और हमने एक ऐसी साझेदारी का निर्माण किया है जो अब इंडो-पैसिफिक में सुरक्षा की आधारशिला है.

लॉयड जेम्स ऑस्टिन का कहना रहा कि हम सभी इंडो-पैसिफिक में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों को समझते हैं. चीन अपने हितों की सेवा करने वाले तरीकों से क्षेत्र और आंतरिक प्रणाली को और अधिक व्यापक रूप से नया रूप देना चाहता है. साथ ही कहा कि आज हम अमेरिका और भारतीय सेनाओं को एक साथ मिलकर संचालन और समन्वय के लिए तैनात कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि हम इस क्षेत्र में शक्ति के अनुकूल संतुलन को बनाए रख सकते हैं और मजबूत कर सकते हैं. मैं द्विपक्षीय रक्षा प्राथमिकताओं की एक श्रृंखला पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं, जिसमें गहन जानकारी शेयर करना और औद्योगिक सहयोग शामिल है. इससे ये सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि हमारी सेनाएं किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं. वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा कि इन 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ताओं ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

 

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