नई दिल्ली। ग्रहों के न्यायदेवता शनिदेव (Lord of Justice Shani Dev) 12 जुलाई को अपनी चाल में परिवर्तन करने वाले हैं। शनिदेव सुबह करीब 10 बजकर 28 मिनट पर मकर राशि (Capricorn) में विराजमान होंगे। शनि इस समय कुंभ राशि में विराजमान हैं और वक्री अवस्था में हैं। शनि गोचर (Saturn transit) के बाद कुछ राशि वालों पर शनि ढैय्या (Shani Dhaiyya) का प्रभाव शुरू होगा, वहीं कुछ राशियों से इसका प्रभाव खत्म हो जाएगा।
इन दो राशियों को मिलेगी राहत-
29 अप्रैल को जब शनि मकर से कुंभ राशि (Aquarius) में आए तो मिथुन और तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल गई। कर्क व वृश्चिक राशि में शनि की ढैय्या का प्रभाव शुरू हो गया था। लेकिन 12 जुलाई को शनि के राशि बदलते ही कर्क व वृश्चिक राशि से शनि ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगा।
इस राशियों पर फिर से शुरू होगी ढैय्या-
शनि गोचर से कुछ राशि वालों को शुभ फल मिलेंगे तो कुछ राशि वालों की मुश्किलें बढ़ेंगी। मकर राशि में प्रवेश करते ही मिथुन और तुला राशि (Libra) के जातक फिर से शनि ढैय्या की चपेट में आ जाएंगे। इन राशियों पर शनि का प्रभाव 17 जनवरी तक रहेगी।
शनि ढैय्या व साढ़े साती का असर-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर राशि जीवन में शनि की साढ़े साती तीन बार आती है। शनि ढैय्या का असर ढाई साल रहता है। शनि ढैय्या से पीड़ित राशियों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
नोट- इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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