नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शनिवार को कहा कि उसने शाओमी (Xiaomi) टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। यह कार्रवाई 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (foreign exchange management act) के प्रावधानों के तहत की गई है। जांच एजेंसी ने कहा कि पैसा चीनी स्मार्टफोन (chinese smartphone) दिग्गज के बैंक खातों में था और इसे सीज किया गया है।
इस बारे में जारी एक बयान में कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी द्वारा किए गए गोरखधंधे में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. जब्त की गई राशि कंपनी के बैंक अकाउंट में पड़ी थी. ईडी ने इस साल फरवरी महीने में कंपनी द्वारा किए गए अवैध रेमिटेंसेज के मामले में जांच शुरू की थी. इससे पहले ईडी ने शाओमी के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट मनु कुमार जैन (Manu Kumar Jain) को तलब किया था.
इस महीने की शुरुआत में यह सामने आया खा कि एजेंसी ने जांच के तहत शाओमी कोर्पोरेशन के एक पूर्व भारतीय प्रमुख को यह निर्धारित करने के लिए बुलाया था कि क्या कंपनी की व्यावसायिक प्रथाएं भारतीय विदेशी मुद्रा कानूनों के अनुरूप हैं। ईडी दो महीने से अधिक समय से कंपनी की जांच कर रही है। इस संबंध में एजेंसी ने भारत के पूर्व प्रबंध निदेशक मनु कुमार जैन को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा था। हालांकि इस पर न तो जैन और न ही एजेंसी ने टिप्पणी दी है।
शाओमी ने रॉयटर्स को बताया कि कंपनी सभी भारतीय कानूनों का पालन करती है और ‘सभी नियमों का पूरी तरह से अनुपालन’ करती है। “हम अधिकारियों के साथ उनकी चल रही जांच में सहयोग कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके पास सभी आवश्यक जानकारी है।”
ईडी शाओमी इंडिया, अनुबंध निर्माताओं और चीन में मूल इकाई के बीच मौजूदा व्यावसायिक संरचनाओं की जांच कर रहा है। एक सूत्र ने बताया कि शाओमी इंडिया और उसकी मूल इकाई के बीच रॉयल्टी भुगतान सहित फंड प्रवाह की जांच की जा रही थी। बता दें कि शाओमी की भारतीय स्मार्ट फोन बाजार में 24% की हिस्सेदारी है। इसके साथ ही साल 2021 में शाओमी भारत में सर्वाधिक बिकने वाला स्मार्टफोन भी है।
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