रांची। भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली दिनेश नगेशिया (CPI-Maoist hardcore Naxalite Dinesh Nagesia) के पिता रामनाथ नगेशिया, बहन मनोरमा नगेशिया (Manorama Nagesia) , मनोरमा के पति पुष्कर नगेशिया, बहन फगन नगेशिया (Sister Fagan Nagesia) और सुमति नगेशिया ने बोंडोबार से सदर अस्पताल पहुंचकर मारे गए नक्सली के शव को देखकर कहा कि यह शव दिनेश का नहीं है। स्वजनों ने शव की पहचान दिनेश के रूप में नहीं की। इसके बाद अभी भी शव की पहचान को लेकर सस्पेंस बरकरार है।
नक्सली का शव मिले 48 घंटे से ज्यादा समय हो चुके हैं। इसके बावजूद अब तक शव की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस की ओर से लगातार अलग-अलग नक्सलियों के स्वजनों को बुलाकर शव की पहचान कराने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक इसमें कामयाबी नहीं मिल सकी है। सदर अस्पताल में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं। कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का भी जमावड़ा है। कहा जा रहा है कि बालक गंझू के रूप में भी शव की पहचान नहीं हो सकी है। ऐसे में पूरी तरह से अब तक सस्पेंस बना हुआ है। लोगों के बीच चर्चा है कि आखिर मरने वाला नक्सली है कौन।
अब तक इसकी पहचान क्यों नहीं हो सकी है। यह भी कहा जा रहा है कि मारा गया नक्सली कोई बड़ा नक्सली नहीं है, बल्कि दस्ता में शामिल संतरी ड्यूटी करने वाला एक हार्डकोर नक्सली है। सदर अस्पताल से मारे गए नक्सली का शव देखकर बाहर निकलते बालक गंझू के भाई रामू गंझू और फूलदेव गंझू ने कहा कि मरने वाला बालक गंझू नहीं है।
उल्लेखनीय कि लोहरदगा में पिछले दिनों नक्सलियों के खिलाफ पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है। कई दिन दोनों ओर से गोलीबारी भी हुई थी, जिससे एक बात तो जाहिर है कि पुलिस ने नक्सली घटनाओं पर रोक लगाने और इलाके में नक्सलियों के प्रभाव को खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चला रखा है।एजेंसी Share: