इंदौर न्यूज़ (Indore News)

महंगी गैस, 68 हजार उज्ज्वला हितग्राहियों ने सिलेंडर लेना छोड़ा

जिस उज्ज्वला योजना का गाना भाजपा गाती है, वह गरीबों के लिए संताप बना…न चूल्हा रहा न गैस
इंदौर। 2016 से महिलाओं (Women) के लिए शुरू की गई उज्ज्वला हितग्राही योजना ( Ujjwala Beneficiary Scheme)  ठंडे बस्ते में चली गई है। इंदौर के 68.50 हजार हितग्राहियों ने सिलेंडर (Cylinder)  लेना लगभग छोड़ दिया है, वहीं एजेंसियों (Agencies) और विभाग को इसकी सुध ही नहीं।
भारत सरकार (Government of India) ने महिलाओं को घरों में लकड़ी जलाने, सिगड़ी पर खाना बनाने जैसी समस्याओं से बचाने के लिए उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) की पहल की थी, जिसके तहत गरीब तबके के परिवारों को गैस सिलेंडर (Gas Cylinder) और चूल्हे मुफ्त में उपलब्ध कराए गए थे। इंदौर जिले में 68.50 हजार परिवारों को यह सुविधा मुहैया कराई गई थी, लेकिन दिन पर दिन बढ़ते गैसों के दामों ने इस योजना को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। लगभग सभी हितग्राहियों ने गैस चूल्हा का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है और विभाग के अधिकारियों को इसकी सुध ही नहीं है। विभाग ने सिलेंडर देकर इन हितग्राहियों की तरफ से आंखें मूंद ली है, वहीं जिन एजेंसियों के माध्यम से सिलेंडर उपलब्ध कराए गए थे, उनके पास इन हितग्राहियों का कोई डाटा उपलब्ध ही नहीं है।


मुख्यमंत्री ने फिर घोषणा की, लेकिन कीमतें नहीं घटाईं
मुख्यमंत्री (hief Minister) ने हाल ही में घोषणा की कि उनके द्वारा उज्जवला योजना के तहत हितग्राहियों को मदद की जा रही है, जिसमें लाखों परिवारों की महिलाओं को लकड़ी के चूल्हों व गोबर के कडों की परेशानी से मुक्त करवाया जा रहा है, ताकि महिलाएं भी परिवार की आर्थिक प्रगति में न केवल मदद कर सके, बल्कि अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखे, लेकिन हालात यह है कि शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के हितग्राहियों के लिए यह मदद मुसीबत बनकर रह गई है। गैस के दामों में दिन-ब-दिन होता इजाफा गरीब महिलाओं को छलने का काम कर रहा है। एक तरफ तो मुख्यमंत्री महिलाओं को लाभ दिलाने की बात करते हैं, वहीं गैस के दामों पर कोई नियंत्रण नहीं लगा पा रहे हैं। ज्ञात हो कि भारत सरकार ने उज्जवला योजना 2 के नाम से फिर से शुरू कर बीपीएलधारी 20 लाख परिवारों को एक करोड़ गैस कनेक्शन मुफ्त में सिलेंडर दिए जाने की घोषणा की है।


एक साल मुफ्त में भरवाए, अब घर में सजावटी सामान बने
भारत सरकार द्वारा जारी की गई इस योजना के तहत इन हितग्राहियों ने 1 साल तक मुफ्त में गैस सिलेंडर का इस्तेमाल किया, लेकिन दिन पर दिन बढ़ते गैस के दामों ने फिर चूल्हे और सिगडिय़ों की तरफ मोड़ दिया है। अब घरों में यह सिर्फ सजावटी सामान बनकर रह गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में दिनभर चूल्हे पर खाना पकाने का काम किया जाता है, वहीं देर शाम के बाद सिर्फ चाय बनाने के लिए गैस चूल्हा का इस्तेमाल हो रहा है।

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