जबलपुर। रेमडिसिवर इंजेक्शन(Remdisiver Injection) के बाद अब ब्लैक फंगस (Black Fungus ) के इलाज में उपयोग होने वाले एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन (Amphoteresin Injection) के संदिग्ध होने की आशंका जताई जा रही है. सागर(Sagar) और इंदौर(Indore) के बाद जबलपुर(Jabalpur) के अस्पताल में भी एम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन (Amphoteresin B Injection) लगाने के बाद लगभग 30 मरीजों में रिएक्शन (Reaction in 30 patients) के कारण हड़कंप मच गया. अस्पताल में वर्तमान में 100 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीज (More than 100 black fungus patients ) इलाज (treatment) करवा रहे हैं.
रविवार की शाम करीब 4 बजे मेडिकल के ब्लैक फंगस वार्डस् में 50 से ज्यादा मरीजों को इंजेक्शन लगाए गए और चंद मिनिटों के बाद ही उन मरीजों में इंजेक्शन का रिएक्शन होने लगा. करीब 30 मरीजों को काफी परेशानी हुई. कुछ मरीजों को ठंड लगने लगी तो कोई कांप रहा था. कुछ मरीजों को उल्टियों भी होने लगीं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों में हडक़ंप मच गया. इसकी खबर तत्काल मेडिकल की ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. कविता सचदेवा को दी गई.
डॉ. कविता ने मेडिकल डीन से बात कर तत्काल इंजेक्शन का उपयोग रुकवा दिया. उन्होंने इसके फौरन बाद मरीजों को होने वाले रिएक्शन का इलाज शुरू किया. लगभग एक घंटे में इलाज के साथ ही मरीज सामान्य होने लगे. इस घटना के बाद एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन को बैच नंबर के हिसाब से अलग कराया गया और जांच शुरू की गई. ये इंजेक्शन हिमाचल की एफी फार्मा कंपनी द्वारा सप्लाई किये गए थे. बहरहाल अस्पताल प्रबंधन द्वारा सभी मरीजों की रेगुलर मॉनीटरिंग की जा रही है. वहीं बाजार से दूसरे एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन खरीदकर मरीजों को लगाये जा रहे हैं. Share:
