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किसान नेता बोले- बॉर्डर खाली करने में लगेंगे 4-5 दिन, चुनावों में BJP के विरोध पर अभी फैसला नहीं

नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) की समाप्ति की घोषणा करने और 11 दिसंबर को प्रदर्शन स्थल को औपचारिक रूप से खाली करने के बाद प्रदर्शनकारी किसान अब गाजीपुर बॉर्डर समेत सभी प्रदर्शन स्थल खाली करके वापस लौटने लगे हैं. हालांकि गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने कहा है कि वे फ़िलहाल वापस नहीं जा रहे हैं. राकेश टिकैत ने कहा है कि अभी बॉर्डर पूरी तरह खाली होने में 4-5 दिन का समय लगेगा.

राकेश टिकैत ने बातचीत में कहा कि आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं, लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे क्योंकि देश में हजारों धरने चल रहे हैं, हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों का एक बड़ा समूह रविवार सुबह 8 बजे क्षेत्र खाली कर देगा. आज की बैठक में हम बात करेंगे, प्रार्थना करेंगे और उन लोगों से मिलेंगे जिन्होंने हमारी मदद की. लोगों ने प्रदर्शन स्थल खाली करने भी शुरू कर दिए हैं, इसमें 4-5 दिन लगेंगे. मैं 15 दिसंबर को निकलूंगा.

किसानों ने घर लौटना शुरू किया
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ किसान आंदोलन के स्थगित करने के ऐलान के बाद आज से दिल्ली की सीमाओं से घरों की ओर लौटना शुरू कर दिया है. गाजीपुर बार्डर से किसानों के पहले जत्था किसान नेता राकेश टिकैत ने रवाना किया. हालांकि गाजीपुर बार्डर से किसान 12 दिसंबर से बड़ी तादाद में लौटना शुरू करेंगे. टिकैत ने कहा- ‘बिजनौर के लिए किसानों के ट्रेक्टर को रवाना कर दिया है, लोग जत्थे में नहीं जा रहें हैं, अपने टाइम पर ग्रुप्स के हिसाब से लोग निकल रहे हैं. कुछ लोग 11 दिसंबर को ज्यादातर 12 दिसंबर को निकलेंगे, बॉर्डर पूरी तरह खाली करने में 4/5 दिन लग जाएंगे, सामान का हिसाब किताब और देनदारी करके जाएंगे.’


टिकैत ने आगे कहा- ‘आज विजय दिवस पर लोग जाने से एक दूसरे से मिलेंगे, पैकिंग करेंगे, गांवों से भी आज लोग आए हुए हैं. ये ना किसी की हार है ना जीत है, एक समझौते के आधार पर जा रहे हैं, समझौता बराबरी का होता है उसमें ना किसी की हार होती है ना जीत. 15 दिसंबर को घर मुजफ्फरनगर जाएंगे, 16 दिसंबर को वापस आकर हैदराबाद की तरफ चले जाएंगे, पूरे देश के संगठन हैं उनसे मिलेंगे. मिशन यूपी और उत्तराखंड का आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे, अभी इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलना है, मुद्दों पर बात करेंगे क्योंकि आचार संहिता लगने तक सरकार बहुत सारे काम कर सकती हैं. बीजेपी का विरोध करेंगे या नहीं ये आगे बताएंगे.’

किसानों से शांति से घर जाने की अपील
गाजीपुर बार्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों को बिना कोई बड़ा जश्न मनाएं, शांतिपूर्ण तरीके से घर लौटने की अपील की है. राकेश टिकैत ने कल एक बयान में कहा कि आंदोलन को सफल बनाने में डॉक्टरों, अस्पतालों, खाप पंचायतों, सफाई कर्मियों, गुरुद्वारा समिति और अन्य गुरुधामों ने अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि आंदोलन सफल हुआ क्योंकि गुरु साहिब की कृपा थी. यहां तक कि तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषण भी गुरुपरब को हुई. किसान आंदोलन ने भाईचारे को और मजबूत किया है.

गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. किसानों की मुख्य मांगों में से एक कानूनों को निरस्त करने के लिए 29 नवंबर को संसद में एक विधेयक पारित किया गया था.

किसानों ने यह मांग करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने से इनकार कर दिया था कि सरकार उनकी अन्य मांगों को पूरा करे जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी और किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेना शामिल है. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने गुरुवार को आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया और घोषणा की कि केंद्र सरकार द्वारा औपचारिक रूप से उनकी मांगों पर विचार करने के लिए सहमत होने के बाद किसान शनिवार को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध स्थलों से घर लौटना शुरू कर दिया है.

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