नई दिल्ली । किसानों के आंदोलन को दिल्ली की महिला वकीलों ने समर्थन दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट की महिला वकीलों की संस्था वुमैन लीगल फोरम ने आज यानि बुधवार को किसानों के समर्थन में उपवास रखने की घोषणा की है। महिला वकीलों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है।
वुमैन लीगल फोरम ने कहा है कि कृषि संविधान के तहत राज्य सरकारों का विषय है, ऐसे में इस कानून को पारित कर केंद्र सरकार ने असंवैधानिक काम किया है। इस कानून पर राज्य सभा में चर्चा तक नहीं कराई गई और ध्वनिमत से पारित करा दिया गया। इस फोरम के सदस्यों में वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, महालक्ष्मी पवनी, बिश्वजीत भट्टाचार्य, मोहन कतार्की, आनंद ग्रोवर शामिल हैं।
फोरम ने अपने बयान में कहा है कि कृषि कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म कर बड़े कारपोरेट घरानों को छूट दे दी गई है। फोरम ने कहा है कि भारत और विश्व की अर्थव्यवस्था कोरोना संकट की वजह से पूरे तरीके से चरमरा गई है। देश पूरे तरीके से कृषि पर निर्भर है। ऐसे में कृषि को बर्बाद करने का कानून देश के लिए घातक है। इसलिए बुधवार को किसान दिवस मनाकर महिला वकील उपवास रखेंगी।
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