देश राजनीति

संसद में भड़क गए फारूक अब्दुल्ला, कहा पाकिस्‍तान से युद्ध कर लीजिए

नई दिल्‍ली (New Delhi)। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि उसका काम करने का तरीका देश को खतरे में डाल रहा है और सरकार को नफरत छोड़कर, मुहब्बत की बात करनी होगी।

बता दें कि बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ”हमें पाकिस्तानी मत कहिए। कब तक शक करेंगे कि हम पाकिस्तानी हैं। हम वतन के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे। हमें गले लगाइए। हमने भी गोलियां खाई हैं ताकि हिंदुस्तान जिंदा रहे। हमें भारत का नागरिक होने पर गर्व है।” अपने भाषण के दौरान अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि दम है तो पाकिस्तान से युद्ध कर लीजिए, हम नहीं आपको रोक रहे।

 

उन्होंने घाटी में कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हिंसा को देश के इतिहास का काला अध्याय बताते हुए कहा कि क्या सरकार बताएगी कि पिछले 10 साल में उसने कितने कश्मीरी पंडितों की वापसी कराई। इस पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह कहना गलत है कि कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए इस सरकार ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य गुमराह कर रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि इस देश के प्रधानमंत्री केवल एक वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं करते, वह समस्त देशवासियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।



अब्दुल्ला ने कहा कि ‘सरकार का तरीका इस मुल्क को खतरे में डाल रहा है।” उन्होंने कहा कि ‘हमसे नफरत मत कीजिए। बहुत नफरत हो गयी। अब मुहब्बत की बात कीजिए। मणिपुर में भी मुहब्बत की बात कीजिए।” उन्होंने पाकिस्तान का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम पड़ोसी के साथ दोस्ती में रहें तो दोनों तरक्की करेंगे। अब्दुल्ला ने सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों की टोकाटोकी के बीच कहा, ”यह बात आपके नेता ने कही थी। आप इसे मानें य न मानें। आपमें दम है तो युद्ध कर लीजिए। हम नहीं रोक रहे।

 

 

Share:

Next Post

पश्चिम बंगाल में TMC के खिलाफ BJP, कांग्रेस और CPM ने मिलाया हाथ; इन ग्राम पंचायत बोर्ड पर हुआ कब्‍जा

Thu Aug 10 , 2023
कोलकाता: कहते हैं राजनीत‍ि और जंग में सब कुछ जायज है. राज्‍यों में सरकार बनाने या फ‍िर चुनाव लड़ने के ल‍िए गठबंधन करने का सवाल हो तो एक दूसरे के ल‍िए राजनीत‍िक द्वेष रखने वाले दलों को भी एक मंच पर आने में कोई गुरेज नहीं होता है. ऐसी बानगी पश्‍च‍िम बंगाल में देखी जा […]