इंदौर न्यूज़ (Indore News)

महिलाओं के सम्मान के लिए कार्यस्थल पर समिति गठित नहीं करने पर 50 हजार का जुर्माना लगाया

  • यह खबर आपकी जानकारी के लिए जरूरी है….
  • यौन उत्पीडऩ से बचाने के लिए सरकार ने बनाया है नियम

इंदौर (Indore)। कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीडऩ से बचाने के लिए समिति गठित करना अनिवार्य है। सरकार द्वारा महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए यह नियम बनाया गया है, लेकिन इस नियम का पालन नहीं करना एक संस्था को भारी पड़ा। संस्था में कार्यरत एक महिला द्वारा अभद्र शब्दों का प्रयोग और गाली-गलौज करने की शिकायत दर्ज कराने पर जांच करने पहुंची टीम ने संस्था पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है।

भारत सरकार के ऑनलाइन कंप्लेन्ट मैनेजमेंट सिस्टम शी बॉक्स के माध्यम से इंदौर प्रगतिशील सहकारी साख संस्था मर्यादित अपना सहकार भवन पर कार्रवाई की गई है। उक्त संस्था में कार्यरत महिला ने महिला एवं बाल विकास विभाग को शिकायत की थी कि यहां 20 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं, जिनके साथ अभद्रता और गाली-गलौज के साथ बात की जाती है। दुव्र्यवहार से बचाने के लिए परिवाद समिति रजत जयंती काम्प्लेक्स स्कीम नं. 54 स्थित कार्यालय पर औचक निरीक्षण करने पहुंची थी। हालांकि महिला द्वारा की गई शिकायत को लेकर अभी तक कोई भी पुख्ता कार्रवाई सामने नहीं आई है, जिसके बाद कार्यरत महिला कर्मचारी के विरुद्ध हिंसा के संबंध में जिला स्तरीय गठित स्थानीय परिवाद समिति द्वारा कार्रवाई करने हेतु संस्था के कार्यालय में आकस्मिक निरीक्षण किया गया।

10 से अधिक महिलाएं निजी या सरकारी कार्यस्थल पर हों तो यह नियम अनिवार्य
महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया ने बताया कि समिति द्वारा पाया गया कि उक्त संस्था में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध, प्रतितोषण) अधिनियम 2013 की धारा- 4 अंतर्गत आंतरिक परिवाद समिति का गठन नहीं हुआ है। यह अधिनियम की धारा-26 का उल्लंघन है। इस कारण संस्था के विरुद्ध मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जिला इंदौर द्वारा 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। उक्त राशि शासकीय मद में जमा करने का निर्देश दिया गया है। समिति द्वारा आदेश का पालन नहीं करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी । ज्ञात हो कि 10 से अधिक महिलाएं यदि संस्थान में कार्यरत हैं तो प्राइवेट और सरकारी संस्थाओं में उक्त समिति का गठन किया जाना अनिवार्य है, ताकि कार्यस्थल पर होने वाले उत्पीडऩ से महिलाओं को बचाया जा सके व ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई की जा सके। हालांकि विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान है कि आज तक न तो किसी संस्था का निरीक्षण किया गया, न ही कोई कार्रवाई सामने आई है। विभाग सिर्फ संस्थानों को नोटिस थमाता रहता है।

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