इंदौर न्यूज़ (Indore News)

पांच टीमें कर रही हैं निगम मार्केटों की दुकानों का सत्यापन

  • पहले भी हुआ था कई मार्केटों में दुकानों की गड़बडिय़ां जांचने का काम, लेकिन नहंीं हो पाई थी कार्रवाई

इंदौर। नगर निगम के शहरभर में 109 मार्केट हैं और उनमें आवंटित दुकानों के मामले को लेकर अब निगम राजस्व विभाग द्वारा दुकानों की पड़ताल कराई जा रही है, ताकि सारी स्थिति सामने आ सके। वर्षों से दुकानदारों ने दुकानों का किराया नहीं जमा किया है और साथ ही कई मार्केटों में कुछ लोगों ने अवैध रूप से दुकानों पर कब्जा कर किराए पर भी दे दी हैं। इसके लिए राजस्व विभाग की पांच टीमें विभिन्न मार्केटों की दुकानों का सर्वे कर रही हैं। पिछले दिनों कई मार्केटों की दुकानों में हुई गड़बडिय़ों को लेकर हंगामा मचा था। इसी के चलते निगम के राजस्व अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने सभी मार्केटों की दुकानों के मामले में पड़ताल करने के निर्देश मार्केट विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिए थे।

इसके चलते पांच टीमें बनाई गई हैं, जिनमें कई अधिकारी भी शामिल हैं। पिछले दो दिनों से टीम ने नवलखा, एमटीएच और गंगवाल के साथ कई अन्य मार्केटों में निगम द्वारा आवंटित दुकानों की जांच-पड़ताल की कि किन लोगों को दुकानें निगम द्वारा आवंटित की गई हैं और वहां फिलहाल कौन व्यापार-व्यवसाय संचालित कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि 109 मार्केटों में से अधिकांश दुकानों का किराया भी राजस्व विभाग को नहीं मिलता है। कुछ प्रकरण न्यायालयों में हैं और कुछ के मामले में किराए को लेकर विवाद है। कोठारी मार्केट और उसके आसपास के क्षेत्रों में निगम के कई मार्केट हैं। इनमें महाराजा कॉम्प्लेक्स के तलघर में बनी कई दुकानों पर लोगों ने शटर के ताले तोडक़र कब्जा कर लिया था और दुकानें किराए पर दे दी थीं। तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन उपायुक्त लता अग्रवाल ने पूरा मामला पकड़ा था और उसके बाद मामले की जांच शुरू की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अधिकांश दुकानें अन्य लोगों को दे दीं किराए पर
नगर निगम मार्केट विभाग के अधिकारियों के मुताबिक निगम मार्केटों में वर्षों पहले किराए पर दुकानें लेने वाले लोगों ने अपनी दुकानें निगम से अनुमति लिए बगैर अन्य लोगों को किराए पर दे दी हैं। ऐसे मामले भी जांच में टीमों के सामने आए हैं। खासकर सरवटे और गंगवाल बस स्टैंड क्षेत्र में निगम मार्केटों की दुकानें कुछ लोगों ने किराए पर दे दी हैं और किराए की मोटी रकम उन्हें मिल रही है, लेकिन निगम में वर्षों से दुकानों का किराया जमा नहीं कराया जा रहा है। ऐसे दुकानदारों की सूची बनाई जा रही है और निगम द्वारा उनसे किराया वसूली के साथ अन्य कार्रवाई भी की जाएगी।

आवंटन निरस्त कर नए टेंडर जारी करेंगे
राजस्व समिति प्रभारी निरंजनसिंह चौहान का कहना है कि कई मार्केटों में दुकानदारों ने बरसों पहले निगम से नाममात्र के किराए पर दुकानें ली थीं और अब वे दुकानें अन्य लोगों किराए पर दे दीं, जो नियमों के विरुद्ध है। ऐसे दुकानदारों की सूची मिलने के बाद निगम पहले किराया वसूली करेगा, फिर उसके बाद उनके आवंटन निरस्त कर नए सिरे से दुकानों के आवंटन के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।

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