हिंदू धर्म में धार्मिक व्रत को महिलाएं बड़े ही श्रद्वा भाव व हर्षोल्लास के साथ मनाती है । आज हम बात कर रहें हैं करवा चौथ के व्रत के बारें में, जो सुहागिनों का सबसे प्रिय व्रत है । करवा चौथ (karva chauth) का व्रत, सभी व्रतों में महत्वपूर्ण माना गया है। सुहागिन स्त्रियां करवा चौथ का व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से पूर्ण करती है। करवा चौथ का व्रत रखकर सुहागिन स्त्रियां (married women) अपने पति की लंबी आयु की कामना करती है। हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इस व्रत को बिना जल और अन्न को ग्रहण किए हुए पूर्ण करना पड़ता है।
पौराणिक कथा के अनुसार जब देवता और दैत्यों के बीच भयंकर युद्ध आरंभ हुआ तो व्रह्मा जी ने देवताओं की पत्नियों को करवा चौथ का व्रत रखने के लिए कहा। मान्यता है कि तभी से करवा चौथ के व्रत को रखने की परंपरा आरंभ हुई। एक अन्य कथा के अनुसार भगवान शिव (Lord Shiva) को प्राप्त करने के लिए माता पार्वती (Mother Parvati) ने इस व्रत को रखा था।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का व्रत विधि पूर्वक करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। पति की लंबी आयु और सफलता के लिए इस व्रत को रखा जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां दिनभ अन्न और जल का त्याग कर, करवा चौथ का व्रत पूर्ण करती हैं।
2021 में करवा चौथ कब है
पंचांग के अनुसार 24 अक्टूबर 2021, रविवार को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस तिथि को करवा चौथ कहा जाता है। इस तिथि को संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। करवा चौथ का पर्व और व्रत कार्तिक मास में आता है। पंचांग के अनुसार कार्तिक मास का आरंभ 21 अक्टूबर 2021 से हो रहा है। वहीं कार्तिक मास का समापन 19 नबंवर 2021 को होगा।
करवा चौथ पर राहु काल का समय
पंचांग के अनुसार 24 अक्टूबर 2021, रविवार को शाम 04 बजकर 18 मिनट से राहु काल आरंभ होगा। शाम 05 बजकर 43 मिनट पर राहु काल समाप्त होगा। इस दिन चंद्रमा का गोचर वृषभ राशि में रहेगा।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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