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ड्रग्स, ओटोटी, नई जनसंख्या नीति से लेकर तालिबान पर क्या बोले संघ प्रमुख, यहां जानिए सबकुछ

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस आज अपना 96वां स्थापना दिवस मना रहा है। विजयादशमी के दिन 1925 में डॉ हेडगेवार नेआरएसएस की स्थापना की थी। आज के दिन नागपुर में शस्त्र पूजन  करने की भी परंपरा है। इस कार्यक्रम में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत मौजूद रहे। शस्त्र पूजन के बाद मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत के वर्तमान, अतित और भविष्य पर अपने विचार रखें।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने देश में  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। संघ प्रमुख भागवत ने इस दौरान जनसंख्या असंतुलन,विभाजन का दर्द, कोरोना महामारी, नशीली पदार्थों का सेवन, सीमा पार से घुसपैठ, आपसी मेलजोल के साथ रहने समेत कई मुद्दों पर अपनी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राय रखीं। आइए संघ प्रमुख की 10 प्रमुख बातें के बारे में जानते हैं।

हिंदू समाज को संगठित होने की जरूरत:- आज भी देश में हिंदुओं को बांटने के प्रयास चल रहे हैं और ऐसे लोगों ने गठबंधन भी बना लिया है।  उन्होंने कहा कहिंदू समाज को कटा-बंटा रखने के लिए बहुत प्रयास चल रहे हैं। अराजकता फैलाने का काम चल रहा है। हिंदू समाज को संगठित होने की जरूरत है। हमारी संस्कृति सभी को अपनाने वाली है। 

विभाजन की टीस खत्म नहीं हुई:- हम लोगों के मन से आज भी देश के विभाजन की टीस खत्म नहीं हुई है। उस दुखद इतिहास के बारे में हमें जानना होगा। जिसके चलते देश का विभाजन हुआ है, उसे दोहराया नहीं जाना चाहिए।
भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपना सिर दिया, देश का सार नहीं:- मोहन भागवत ने इस मौके पर गुरु तेग बहादुर को भी याद किया। उन्होंने कहा कि उनका बलिदान इस देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने के लिए ही था। उस समय देश में यह अभियान चल रहा था कि अपनी पूजा बदलो या तो मरो। तब कश्मीर के लोगों ने गुरु तेग बहादुर से गुहार लगाई। यह सुनकर गुरु तेग बहादुर दिल्ली चले गए और उनका बलिदान दिया। उन्होंने भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपना सिर दिया, लेकिन देश का सार नहीं दिया। इसलिए वह हिंद की चादर कहलाए।


जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग कर रहे आतंकी:- धारा 370 हटाने का अच्छा परिणाम दिख रहा है। धारा 370 हटने से यहां बहुत फायदा हुआ है। कश्मीर की जनता के मन में भारतीयता की भावना विकसित करनी होगी। आतंकी जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग कर रहे हैं। दहशगर्द बेगुनाहों की जान ले रहे हैं। तालिबान से सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। तालिबान के इतिहास को हर कोई जानता है।  

पाकिस्तान और चीन पर बोले संघ प्रमुख:- भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए पड़ोसी देशों को लेकर भी सरकार को नसीहत दी। मोहन भागवत ने कहा कि पाकिस्तान और चीन बदला नहीं है। सीमा पर तैयारी रखने के साथ बातचीत करने की जरूरत है।

जनसंख्या नीति पर विचार करने की जरूरत:- सीमापार घुसपैठ से जनसंख्या असंतुलन बढ़ रहा है। जनसंख्या नीति पर विचार करने की जरूरत है। एनआरसी से घुसपैठियों की पहचान करने का समय आ गया है। जनसंख्या विस्फोट होने से व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ रही है।

नशे का पैसा कहां जा रहे हम सब जानते:- संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस मौके पर ड्रग्स को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि देश में तरह-तरह के नशीले पदार्थ आ रहे हैं, उनकी आदतें लोगों में बढ़ रही हैं। उच्च स्तर से लेकर समाज के आखिर व्यक्ति तक व्यसन पहुंच रहा है। हमें पता है कि इस नशे का पैसा कहां जा रहा है। इसका इस्तेमाल कहां पर हो रहा है। इससे बचने की जरूरत है।  ओटीटी प्लेटफॉर्म चल रहा है। इसका संचालन कौन कर रहा है कहां से हो रहा है। यह समझ से परे है।

बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी पर सवाल:- मोहन भागवत ने बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस पर किसका नियंत्रण है, मुझे पता नहीं है। इस पर शासन को नियंत्रण करना होगा और वह उसका प्रयास भी कर रहा है, लेकिन हमें अपने स्तर पर इससे लड़ने के लिए तैयार होना होगा। आरएसएस सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है। संघ का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति का चरित्र निर्माण करना है। 

सामाजिक समरसता के वातावरण को निर्माण करने का कार्य संघ के स्वयंसेवक सामाजिक समरसता गतिविधियों के माध्यम से कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है। संघ का मकसद व्यक्ति का चरित्र निर्माण करना है।

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