इंदौर न्यूज़ (Indore News)

वेस्ट ट्यूब-टायर और प्लास्टिक से बना दिए गांधीजी

 


निगम उपयुक्त स्थान पर लगवाएगा चित्र… रात्रिकालीन सफाई का आयुक्त ने किया निरीक्षण भी
इंदौर। वेस्ट ट्यूब-टायर और प्लास्टिक से गांधी जी का 16 फीट ऊंचा, 8 फीट चौड़ा सुंदर चित्र बनाया, जिसे रेडियो पुलिस हेडक्वार्टर वीआईपी रोड के पास हनुमान मंदिर की दीवार पर लगाया है, लेकिन निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने इस चित्र को देखने के बाद उसे उपयुक्त स्थल पर शिफ्ट करने को कहा, ताकि अधिक से अधिक लोग उसे देख सके और इसे बनाने वाले कलाकार सुनिल व्यास का सम्मान भी किया। वहीं आयुक्त ने रात्रिकालीन सफाई का अवलोकन भी किया और बड़ा गणपति चौराहा पर सीएनडी वेस्ट रखा मिलने पर उसे हटाने के निर्देश भी दिए।


इंदौर में स्वच्छता को लेकर नित नए प्रयोग होते रहे हैं। इसी कड़ी में प्लास्टिक के पुराने मग, चाय छलनी, कंघी, ऑडियो कैसेट, सेलफोन, खिलौने से लेकर अन्य सामग्री व ट्यूब-टायर से गांधी जी का एक आकर्षक चित्र भी बनाया, जो निगमायुक्त प्रतिभा पाल को बहुत पसंद आया और उन्होंने अपर आयुक्त श्रंृगार श्रीवास्तव को कहा कि इस चित्र को बीआरटीएस कारिडोर या किसी ऐसे उपयुक्त स्थान पर लगाया जाए, जहां पर अधिक से अधिक नागरिकों की आवाजाही रहती है और वे इसे देखें और प्लास्टिक वेस्ट के रीयूज के प्रति जागरूक भी हों। उन्होंने झोन क्र. 1 की रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था का निरीक्षण भी किया। 60 फीट रोड एरोड्रम से शुरू करते हुए वे एयरपोर्ट थाना, कालानी नगर चौराहा, रामचंत्र नगर, बड़ागणपति, राजमोहल्ला, गणेशगंज, गंगवाल बस स्टैंड रोड, महू नाका, लालबाग रोड सहित अन्य स्थानों के निरीक्षण के लिए पहुंची। इस दौरान मोहताबाग के एरोड्रम रोड पर सिटी-पीटी का भी उन्होंने अवलोकन किया और केयर टेकर को सभी व्यवस्थाएं बेहतर करने के निर्देश दिए। साथ ही बड़ा गणपति चौराहा पर सीएनडी वेस्ट मिलने पर उसे हटाने के निर्देश भी दिए। उल्लेखनीय है कि स्वच्छता के साथ सेवन स्टार रेटिंग और वॉटर प्लस का भी सर्वे मार्च के दूसरे हफ्ते से होना संभव है, जिसके चलते आयुक्त द्वारा सुबह से लेकर रात तक इसी तरह शहरभर में दौरे किए जा रहे हैं।


300 किलो जैविक खाद बना रही है ग्रामीण महिलाएं
शहर की तरह ग्रामीण क्षेत्र में भी जागरूकता बढ़ गई। श्री सांई स्वसहायता समूह का गठन लॉकडाउन के दौरान हुआ और इससे जुड़ी 12 महिलाओं ने डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के दौरान गीला और सूखा कचरा अलग करवाया और 50 रुपए प्रति मान से हर घर से वसूली की जाती है और रोजाना 1200 किलो गीले कचरे से लगभग 300 किलो जैविक खाद तैयार की जा रही है। समूह की सदस्य श्रीमती संतोषी, श्रीमती ममता सहित अन्य का कहना है कि वर्तमान में समूह को 80 हजार रुपए की बचत हो रही है और अभी 17 से 21 मार्च तक कृषि कालेज में लगने वाले जैविक कृषि मेले में भी समूह के सदस्यों द्वारा जैविक खाद का विक्रय किया जाएगा। इतना ही नहीं समूह की सदस्य महिलाएं जिले की अन्य पंचायतों में भी इसी तरह महिलाओं को प्रशिक्षण देगी और सभी जगह ऐसे ही स्वयं सहायता गठित किए जाएंगे।

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