इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर के पंचकुइया मुक्तिधाम पर कल से शुरू होगा गैस शवदाहगृह

 

पिता के अधूरे सपने को बेटे ने जनसहयोग से पूरा किया
इन्दौर निलेश राठौर।  जिस पिता ने अपना पूरा जीवन एक श्मशान को देवधाम बनाने में लगा दिया, उस पिता के अधूरे सपने को बेटे ने पूरा करने का मन बनाया और उसे नगर निगम तथा जनसहयोग के माध्यम से मूर्त रूप देते हुए पर्यावरण की रक्षा और जनकल्याण के लिए सौंप दिया। हम बात कर रहे हैं पंचकुइया मुक्तिधाम (Panchkuiya Muktidham) की, जिसे शहर और प्रदेश में मुक्तिधामों में सबसे ऊपर रखा जाता है। पंचकुइया मुक्तिधाम विकास समिति के संयोजक स्व. प्रेमनारायण बाहेती का सपना था कि पंचकुइया मुक्तिधाम पर गैस शवदाहगृह ( Gas Crematorium) की शुरुआत की जाए, जिसकी शुरुआत कल से विधिवत की जाएगी।


जिस क्षेत्र में लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार (Funeral) करने के लिए डरते-डरते जाना पड़ता था उस क्षेत्र को देवधाम का रूप देने वाले पंचकुइया मुक्तिधाम विकास समिति के संयोजक प्रेमनारायण बाहेती (Premnarayan Baheti) ने जनसहयोग से पंचकुइया मुक्तिधाम की काया ही पलटकर रख दी। बाहेती ने जनसहयोग से मुक्तिधाम में सफाई से लेकर शवों के लिए व्यवस्थित विश्राम स्थल, चिता की वेदी की ऐसी व्यवस्था की थी कि शवयात्रा में आने वालों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है। पंचकुइया मुक्तिधाम में उनका एक ही सपना था कि यहां गैस द्वारा चलने वाले शवदाहगृह की शुरुआत की जाए, मगर पिछले साल वह यह सपना अधूरा छोडक़र दुनिया को अलविदा कर गए। पिता की पुण्याई को बेटे वैभव बाहेती ने आगे बढ़ाते हुए पिता के साथ कंधे से कंधा लगाकर पिछले 45 साल से पंचकुइया मुक्तिधाम में व्यवस्थाओं का सुचारु रूप से संचालन करने वाले खेमराज बेगड़े एवं उदय नायक और गोपाल के साथ मिलकर नगर निगम तथा जैन समाज सहित अन्य दानदाताओं के जनसहयोग से गैस शवदाहगृह ( Gas Crematorium) के बचे कार्यों को पूरा करवाया और कल से उसे विधिवत शुरू किया जाएगा। सोमवार को गैसचलित शवदाहगृह का वैदिक मंत्रोच्चार से पूजा-पाठ किया गया।


गैस लाइन के लिए काफी मशक्कत करना पड़ी समिति को
चारों ओर से नालों से घिरे पंचकुइया मुक्तिधाम में गैस लाइन लाने के लिए पंचकुइया मुक्तिधाम विकास समिति को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। नालों के ऊपर खुले रूप से पाइप डालकर गैस लाइन को मुक्तिधाम तक लाना इतना आसान नहीं था, क्योंकि कभी भी पाइप धोखा दे जाए और कोई जनहानि हो जाए। इसलिए गैस लाइन मुक्तिधाम तक लाने के लिए अवंतिका गैस कंपनी से चर्चा की गई, जिन्होंने राजमोहल्ला से मुक्तिधाम तक गैस लाइन नगर निगम के माध्यम से डलवाई।


डीजल शवदाहगृह से आधा समय लगेगा अंतिम संस्कार में
पंचकुइया मुक्तिधाम (Panchkuiya Muktidham) पर कल से शुरू होने वाले गैसचलित शवदाहगृह में डीजल से चलने वाले शवदाहगृह से शव के अंतिम संस्कार में आधा समय लगेगा। डीजल से चलने वाला शवदाहगृह जो वर्तमान में रामबाग में कोरोना संक्रमितों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए उपयोग में लाया जा रहा है, पर एक शव के अंतिम संस्कार में करीब सवा दो घंटे लगते हैं। ठीक इसके विपरीत गैसचलित शवदाहगृह में यह समय घटकर केवल एक या सवा घंटे का रह जाएगा।


शहर में बंद पड़े इलेक्ट्रिक और डीजल शवदाहगृह को भी चालू करवाया जाएं
शहर में वर्तमान समय में कोरोना बीमारी (Corona disease) की भयावहता के चलते श्मशानों में शवों के अंतिम संस्कार के लिए रिक्त स्थान ही नजर नहीं आ रहे। इसके चलते शवयात्रा में पहुंचने वाले लोग काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। पिछले माह 9 श्मशानों में 1462 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जो सामान्य से बहुत ज्यादा हैं। इस स्थिति को देखते हुए शहर में बंद पड़े इलेक्ट्रिक (Electric) और डीजल शवदाहगृह को भी मरम्मत करवाकर शुरू किया जाना चाहिए। बंद पड़े शवदाहगृहों में पंचकुइया मुक्तिधाम का तो कल गैस से शुरू हो जाएगा, मगर जूनी इन्दौर, मालवा मिल के शवदाहगृहों को भी जल्द से जल्द शुरू करवाया जाना चाहिए, ताकि श्मशानों पर पडऩे वाले अतिरिक्त भार को कम किया जा सके। इन शवदाहगृहों के शुरू होने से लकडिय़ों का उपयोग कम होगा और पर्यावरण की रक्षा भी की जा सकेगी।

 

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