जीवनशैली स्‍वास्‍थ्‍य

खुशखबरी ! डायबिटीज के मरीजों के लिए मिली नई दवा, तेजी से कम करती है ब्लड शुगर

नई दिल्‍ली । डायबिटीज (diabetes) के मरीजों को ब्लड शुगर (blood sugar) घटाने के लिए अब सिर्फ इंसुलिन पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने बायोकॉन-वायट्रिस (Biocon-Vytris) की दवा सेमग्ली को मंजूरी दे दी है. यह पहला ऐसा इंटरचेंजेबल बायोसिमिलर प्रोडक्ट (Interchangeable Biosimilar Products) है जो डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल इंसुलिन की तरह काम करता है.

डायबिटीज की नई दवा
USFDA द्वारा सेमग्ली (इंसुलिन ग्लारजीन) को मंजूरी देने का मतलब है कि इसे अब सनोफी की दवा लैंटस की जगह लिया जा सकता है. मरीज अब डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना भी विकल्प के तौर पर इस दवा को मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं.


डायबिटीज की नई दवा
ये बायोसिमिलर दवा बायोकॉन बनाएगी जबकि अमेरिका में सेमग्ली की मार्केटिंग बायोकॉन की पार्टनर कंपनी वायट्रिस करेगी. USFDA के कार्यकारी आयुक्त जेनेट वुडकॉक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘यह उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है जो डायबिटीज के इलाज के लिए रोजाना इंसुलिन पर निर्भर रहते हैं, क्योंकि बायोसिमिलर और इंटरचेंजेबल बायोसिमिलर प्रोडक्ट किफायती हैं.’

डायबिटीज की नई दवा
वुडकॉक ने कहा, ‘पहली इंटरचेंजेबल बायोसिमिलर प्रोडक्ट को मिली मंजूरी यूएसएफडीए की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को बताती है जिसके तहत बायोलॉजिकल दवाओं को बाजार में उतारा जा रहा है. ये कम लागत पर बनी सुरक्षित, प्रभावी और अच्छी क्वालिटी वाली दवाएं हैं जो मरीजों की मदद में प्रभावी साबित होंगी.’

डायबिटीज की नई दवा
इस लंबे समय तक काम करने वाले इंसुलिन से ग्लाइसेमिक कंट्रोल में सुधार देखा जा सकता है. दुनिया भर में टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के करोड़ों मरीज हैं. कोरोना की वजह से पिछले 2 सालों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. ऐसे में ये नई दवाएं मरीजों को राहत पहुंचाने का काम करेंगी.

डायबिटीज की नई दवा
यूएसएफडीए का कहना है कि ये इंटरचेंजेबल बायोसिमिलर दवा सुरक्षा और क्षमता के अनुसार पहले की अन्य दवाओं की तरह ही हैं और इनके क्लिनिक रिजल्ट में भी कोई अंतर नहीं है. अगर कोई मरीज पहले लैंटस लेता रहा है तो उसे सेमग्ली इस्तेमाल करने के बाद कोई फर्क नहीं महसूस होगा.

डायबिटीज की नई दवा
सेमग्ली को पहली बार जून 2020 में मानव इंसुलिन एनालॉग के रूप में मंजूरी मिली थी. एफडीए ने अब हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के लिए कुछ नई सामग्रियां जारी की हैं ताकि वो इंटरचेंजेबल बायोसिमिलर प्रोडक्ट को सीख सकें. इसमें एक नई फैक्टशीट भी शामिल है जिसमें इंटरचेंजेबल बायोसिमिलर के बारे में विस्तार से समझाया गया है.

Share:

Next Post

एलोपैथी मामला: बाबा रामदेव से एक हफ्ते में कोर्ट ने मांगा जवाब

Sat Jul 31 , 2021
नई दिल्ली। योग की अलख जगाने वाले गुरु स्वामी रामदेव (Guru Swami Ramdev) को एलोपैथी (allopathy) पर दिए गए बयान को लेकर शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने नोटिस जारी कर एक सप्‍ताह में जवाब मांगा है । बता दें कि बाबा रामदेव ने कोविड-19 मामलों के इलाज के तरीके को लेकर […]