नई दिल्ली । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Chief Minister Pushkar Singh Dhami) के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार(Uttarakhand Government) की कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता(Cabinet approves Uniform Civil Code) की नियमावली को 20 जनवरी को मंजूरी दे दी थी. इस कानून के लागू होने के बाद विवाह से लेकर तलाक, लिव इन रिलेशनशिप आदि के प्रमाणपत्र ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बनेंगे. दूरस्थ गांवों में इसे पहुंचाने के लिए जनसेवा केंद्रों (सीएससी) की मदद ली जाएगी.
देहरादून पुलिस मुख्यालय में बुधवार को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. वर्कशॉप में विवाह, तलाक, वसीयत और लिव इन संबंधों के पंजीकरण की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा हुई.
समान नागरिक संहिता के उल्लंघन पर दंड के प्रावधानों और अधिकारियों की जिम्मेदारियों पर भी जानकारी दी गई. कार्यक्रम में विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों ने सवाल पूछे, जिनका कानून के विशेषज्ञों ने जवाब देते हुए बताया कि यह संहिता सभी धर्मों और समुदायों में समानता और समन्वय लाने का प्रयास है.
वरिष्ठ अधिकारियों और सामाजिक संगठनों ने कानून को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए सुझाव दिए. डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए पुलिस की भूमिका और दायित्वों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए आगे भी इस तरह की वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी. इससे लोगों की शंकाएं दूर होंगी और उन्हें संहिता के बारे में जागरूक किया जा सकेगा।
बता दें कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को सरकार किसी भी वक्त लागू कर सकती है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता की नियमावली को 20 जनवरी को मंजूरी दे दी थी. इस कानून के लागू होने के बाद विवाह से लेकर तलाक, लिव इन रिलेशनशिप आदि के प्रमाणपत्र ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बनेंगे. दूरस्थ गांवों में इसे पहुंचाने के लिए जनसेवा केंद्रों (सीएससी) की मदद ली जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट द्वारा यूसीसी को मंजूरी देने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘उत्तराखंड की जनता के साथ हमारा जो वादा, संकल्प था, वह पूरा हो रहा है. जब 2022 के विधानसभा चुनाव में हम देवभूमि की जनता के बीच गए थे तो हमने उनसे वादा किया था, संकल्प लिया था कि हम समान नागरिक संहिता लाएंगे. अब देश में सबसे पहले यूसीसी लागू करने वाला राज्य देवभूमि उत्तराखंड बनने जा रहा है. हम जल्द ही इसकी तिथि की घोषणा करेंगे।
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