- कमलनाथ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की मांग
भोपाल। पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर कोरोना काल नौकरी पर रखे गए स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की मांग की है। कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि जिन स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना काल के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की सेवा की उन्हें नौकरी से निकालना ठीक नहीं है ये मानवता और नैतिकता के भी खिलाफ है। बता दें कि नौकरी से निकाले जाने के बाद स्वास्थ्यकर्मी नियमितीकरण की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। कमलनाथ ने सीएम शिवराज को लिखे पत्र में लिखा है प्रिय शिवराज सिंह चौहान जी, संपूर्ण विश्व जगत विगत 1 साल से कोरोना महामारी के प्रकोप का सामना कर रहा है। मध्यप्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 6 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की अस्थाई नियुक्ति निश्चित समय के लिए की गई थी। जिनकी नियुक्ति की अवधि को समय-समय पर बढ़ाया भी गया । इन स्वास्थ्यकर्मियों ने संपूर्ण कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना हमारे प्रदेश के आमजन के स्वास्थ्य के लिए अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। इस दौरान अनेक स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित भी हुए और मृत्यु को भी प्राप्त हुए हैं। स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना योद्धा कहकर सम्मानित भी किया गया । परंतु अब इन स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं आपकी सरकार के द्वारा समाप्त कर दी गई हैं जिससे 6 हजार से अधिक कोरोना योद्धा के परिवारों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है । कमलनाथ ने पत्र में आगे लिखा कि कोरोना की आपदा अब तक समाप्त नहीं हुई है और यह भी अनिश्चित है कि कोरोना की विपरीत परिस्थित कब तक बनी रहेगी। इस स्थिति में कोरोना प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की आवश्यकता प्रदेश में बनी हुई है, इन स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं आज की परिस्थितियों में समाप्त करना मानवता और नैतिकता की दृष्टि से बिलकुल भी उचित नहीं है। कुंभ मेले के दौरान नियुक्त किए गए अत्याई कर्मियों की सेवाएं भी शासन द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए ली गई हैं। अतएव इन स्वास्थ्यकर्मियों के बारे में भी उसी प्रकार का निर्णय लिया जाना चाहिए। मेरा आपसे अनुरोध है कि इन सभी स्वास्थ्यकर्मियों का स्वास्थ्य विभाग में संविलियन करते हुए इन्हें नियमित नियुक्ति प्रदान करने हेतु शासन स्तर पर निर्णय लेने का कष्ट करें एवं कोरोना योद्धाओं को वास्तविक सम्मान दें।
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