इंदौर न्यूज़ (Indore News)

हरल्ले मंत्रियों का होगा निगम-मंडल में पुनर्वास


साढ़े 3 घंटे चली शिव-ज्योति की चर्चा… परिवहन पर फंसा मंत्रिमंडल गठन का पेंच
इंदौर। मुख्यमंत्री सहित भाजपा संगठन को कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को पूरी तवज्जो देना पड़ रही है। अभी मंत्रिमंडल, नगरीय निकायों के चुनाव से लेकर निगम-मंडल, प्राधिकरणों में होने वाली नियुक्तियों में भी सिंधिया समर्थकों को पूरी तवज्जो मिलेगी। यहां तक कि हरल्ले मंत्रियों का भी पुनर्वास निगम-मंडलों में होगा और उन्होंने बाकायदा कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया जाएगा।
कल पहले मुख्यमंत्री और सिंधिया की साढ़े 3 घंटे तक भोपाल में बैठक हुई, जिसमें अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत भी मौजूद रहे। उसके बाद शिव-ज्योति की यह टीम एक साथ इंदौर भी पहुंची, जहां विवाह समारोह में शामिल हुए। भोपाल में हुई चर्चा में सिंधिया समर्थक हारे हुए मंत्रियों के पुनर्वास को लेकर भी सहमति बनी। उल्लेखनीय है कि उपचुनाव में इमरती देवी, एंदलसिंह कंसाना और गिर्राज दंडोतिया हार गए, मगर अब उन्हें निगम-मंडलों में लिया जाएगा और कैबिनेट मंत्री का भी दर्जा देंगे। वहीं भाजपा कार्यसमिति का गठन भी अगले हफ्ते होना है, उसमें भी सिंधिया समर्थकों को कई पद मिलना हैं। यह दूसरी बार है कि मुख्यमंत्री और सिंधिया की भोपाल में मुलाकात हुई। पिछली बार तो कुछ मिनटों के लिए चर्चा हुई थी, मगर कल साढ़े 3 घंटे विस्तृत चर्चा में सभी मुद्दों पर सत्ता और संगठन के बीच एक राय भी बनी है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल का विस्तार होना है, लेकिन अभी पहले सिर्फ तुलसीराम सिलावट और गोविंदसिंह राजपूत को ही मंत्री पद की शपथ दिलवाई जाएगी। शेष चार मंत्रियों के पद संभवत: नगरीय निकायों के चुनाव के बाद भरे जाएंगे। इनमें भी परिवहन मंत्रालय को लेकर पेंच फंसा है, क्योंकि सिंधिया समर्थक राजपूत को यह मंत्रालय दिलवाना चाहते हैं। वहीं इस बार सिलावट को भी भारी-भरकम मंत्रालय मिल सकता है।
सत्ता के साथ संगठन पर भी दबदबा चाहते हैं सिंधिया… अग्निबाण की बात सच निकली
पिछले दिनों अग्निबाण ने ही खुलासा किया था कि सिंधिया सत्ता के साथ-साथ संगठन में भी अपना दबदबा चाहते हैं और यह बात सच भी निकली। कल सत्ता के साथ-साथ संगठन भी साढ़े 3 घंटे के मंथन में मौजूद रहा। मंत्रिमंडल में तो सिंधिया समर्थकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी ही, वहीं नगरीय निकाय के चुनाव में भी सिंधिया समर्थकों को मौका मिलेगा और कार्यसमिति में भी पदाधिकारी बनेंगे। जो गलती कांग्रेस ने की, उसे भाजपा कतई नहीं दोहराना चाहती और शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह से सिंधिया के साथ है, जिसके चलते प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेताओं को भी अब सिंधिया को पूरी तरजीह देना पड़ रही है। कल भी 40 गाडिय़ों के काफिले के साथ सिंधिया मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे।

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