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हेड कोच राहुल द्रविड़ का दावा- क्यूरेटर पिच बनाते हैं, हम रैंक टर्नर के लिए…

नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय टीम (India Team) की अक्सर आलोचना होती है कि वे होम कंडीशन्स में रैंक टर्नर (Rank turner in home conditions) चाहते हैं, जिससे कि विपक्षी टीम पर दबाव आए, हालांकि, राहुल द्रविड़ ने कहा है कि वे इस तरह की कोई डिमांड नहीं करते। क्यूरेचर के हाथ में होता है कि उसे किस तरह की पिच बनानी है। पहले टेस्ट मैच में दोनों टीमों को एक तरह से रैंक टर्नर मिली थी, जहां भारत को करीबी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, विशाखापट्टनम की पिच थोड़ी अलग थी।



इसी को लेकर हेड कोच राहुल द्रविड़ ने दूसरे टेस्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “क्यूरेटर पिच बनाते हैं। हम रैंक टर्नर नहीं मांगते, जाहिर तौर पर भारत में ट्रैक से टर्न प्राप्त होगा। इस पर कितना गेंद घूमेगा, कितना कम घूमेगा – मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं। भारत में 4 या 5 दिन में विकेट उखड़ जाते हैं और टर्न मिलता है।” विशाखापट्टनम में सोमवार को समाप्त हुए मैच के चौथे दिन बहुत कम टर्न स्पिनर्स को मिला, लेकिन कई मौकों पर गेंद ऊपर या नीचे जरूर रही।

इस सीरीज के दो मैच शानदार रहे हैं और आने वाले मैचों में भी इसी तरह की पिच इंग्लैंड चाहेगी। राहुल द्रविड़ ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वे भी रैंक टर्नर नहीं चाहते। हालांकि, भारत में जिस मिट्टी से पिच बनाई जाती हैं तो वह तीसरे, चौथे और पांचवें दिन उखड़ने लगती हैं तो ऐसे में स्पिनर्स को मदद मिलती है। हालांकि, कभी-कभार ये भी देखने को मिलता है कि पहले दिन से ही स्पिनरों को मदद मिलती है और मैच तीन या दो दिन में ही खत्म हो जाता है।

भारत ने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल टेस्ट सीरीज खेली थी। उस सीरीज में रैंक टर्नर पिच देखने को मिली थीं। यहां तक कि पिछली बार जब इंग्लैंड की टीम ने भारत का दौरा किया था तो उस समय भी पिच से स्पिनर्स को अच्छी खासी मदद मिली थी। उस दौरान इंग्लैंड को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उस सीरीज का पहला मैच भी चेन्नई में इंग्लैंड ने जीता था और इस बार भी इंग्लैंड ने सीरीज का पहला मैच जीता है।

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