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Health Tips: स्वास्थ्य के लिए कौन सा चावल होता है फायदेमंद, व्हाइट या ब्राउन राइस

नई दिल्‍ली (New Delhi)। चावल (Rice) कई परतों से मिलकर बना होता है। इन परतों को हटाने की प्रक्रिया में ही ब्राउन राइस और व्हाइट राइस (white or brown rice) तैयार होता है। व्हाइट राइस और ब्राउन राइस (white or brown rice) को लेकर आपने कई लोगों को बहस करते देखा-सुना होगा, लेकिन क्या सच में आपको भी मालूम है कि दोनों में से कौन-सा चावल आपके लिए बेहतर होता है? हम आपको बता रहे हैं कि पोषण और सेहत के लिहाज से आपके लिए कौन-सा चावल फायदेमंद होगा।

चावल की सबसे बाहर की लेयर को निकालने के बाद ब्राउन राइस बनता है। केवल बाहर की लेयर निकलने से इसमें सारा पोषण बरकरार रहता हैं। यह उन लोगों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, जो पूरी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं और वजन कम करना चाहते हैं। ब्राउन राइस में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन काफी मात्रा में होते हैं।

ब्राउन राइस को जब और सफाई और भूसी हटाने के लिए मील में भेजा जाता है, तो वहां चावल की पॉलिशिंग की जाती है। इस प्रक्रिया में चावल की एक और लेयर(एलियोरीन) निकल जाती है। यह व्हाइट राइस बन जाता है। इस प्रक्रिया में अधिकतम पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। हालांकि इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है।



ब्राउन राइस में व्हाइट राइस की तुलना में वसा की मात्रा अधिक होती है। व्हाइट राइस को पॉलिश किया जाता है, इसलिए इसमें वसा की मात्रा कम होती है। एक कटोरी ब्राउन राइस में 206 से 216 कैलोरी होती है। इसके साथ ही इसमें आयरन, बी1 और बी3 जैसी अन्य आवश्यक विटामिन होते हैं। वहीं, पके हुए एक कटोरी सफेद चावल में 206 कैलोरी होते हैं और यह फाइटिक एसिड फ्री होता है।
पाचन: व्हाइट राइस में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा कम होने के कारण ये बिना किसी परेशानी के आसानी से पच जाते हैं। वहीं, फाइबर की मात्रा अधिक पाए जाने के कारण ब्राउन राइस को पचाने में थोड़ी परेशानी होती है।

डायबिटीज है तो खाएं ब्राउन राइस
ब्राउन राइस डायबिटीज वाले लोगों के लिए अच्छा विकल्प है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानी जीआई कम है। व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता नहीं है। रोजाना ब्राउन राइस खाने से डायबिटीज होने का खतरा भी कम हो जाता है।
ब्राउन राइस में एंटी ऑक्सीडेंट भी पाए होते हैं इसलिए यह एजिंग को भी रोकता है। इसमें व्हाइट राइस की तुलना में सैलेनियम की ज्यादा मात्रा होती हैं जो कि हार्ट डिसीज, कैंसर और गाठिया जैसी गंभीर बीमारी से दूर रखता है।

ब्राउन राइस कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मददगार है। इससे धमनियां ब्लॉक नहीं होती हैं और दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। ब्राउन राइस में कई नेचुरल ऑइल होते हैं जो कि बुरे कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल रखते हैं।
पाचन के लिहाज से व्हाइट राइस बेहतर हो लेकिन सेहत की बात करें तो एक्सपर्ट भी मानते हैं कि व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।

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