इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के जमीन मालिकों की सुनवाई जारी

  • 800 से अधिक आपत्तियां प्राप्त हुई, अब नकद मुआवजे के बजाय लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत 50 फीसदी जमीन वापस लौटाएंगे, 10 फीसदी का प्रावधान किया खत्म

इंदौर। लगभग 3200 एकड़ पर प्रस्तावित इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर में अब सेक्टर-7 की तहत 10 फीसदी नकद मुआवजा राशि जमीन मालिकों को नहीं दी जाएगी, बल्कि लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत 50 फीसदी जमीन वापस लौटाएंगे। कुछ समय पूर्व नोटिफिकेशन के बाद कॉरिडोर के प्रस्ताव को शासन ने भी मंजूरी दे दी और एमपीआईडीसी ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की। व्यवसायिक, औद्योगिक और आवासीय गतिविधियों के लिए विकसित भूखंड तैयार किए जाएंगे।

800 से अधिक आपत्तियां भी प्राप्त हुई है, जिनकी प्रारम्भिक चरण में सुनवाई कर ली गई थी। मगर कई जमीन मालिकों ने नए सिरे से अपने तथ्य और दस्तावेज रखे, जिसके चलते अब 29 और 31 जनवरी को फिर से सुनवाई की जा रही है। एक तरफ एमपीआईडीसी पीथमपुर सेक्टर-7 को विकसित कर रहा है, दूसरी तरफ 75 मीटर चौड़ाई के 19.75 किलोमीटर लम्बे इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को भी अमल में लाने की कवायद की जा रही है। यहां पर एयरो सिटी की प्लानिंग भी प्रस्तावित है, जिसमें होटल, आईटी, फिन्टैक सिटी, डाटा सेंटर, फिल्म और मीडिया के साथ अन्य गतिविधियां मान्य रहेगी।


इस कॉरिडोर का एक सिरा इंदौर के नैनोद से, तो दूसरा सिरा सोनवार, टीही तथा धन्नड़ ड्रायपोर्ट से भी जुड़ेगा। कॉरिडोर के दोनों तरफ 300-300 मीटर तक यह योजना प्रस्तावित की गई है, जिसमें प्रचलित टू लेन मार्ग का भी उन्नयन किया जाएगा, जिसकी लम्बाई 6 किलोमीटर, ग्रीन फील्ड रोड की लम्बाई 8.30 किलोमीटर और वर्तमान में जो राऊ-पीथमपुर रोड है उसका भी 5.45 किलोमीटर का हिस्सा इस कॉरिडोर में शामिल रहेगा। पहले कॉरिडोर में लगभग ढाई हजार एकड़ जो निजी जमीनें हैं उनको 10 फीसदी नकद मुआवजा और 90 फीसदी केे बदले विकसित भूखंड देने का निर्णय लिया था।

यह पॉलिसी सेक्टर-7 में अपनाई जा रही है। मगर अब इकोनॉमिक कॉरिडोर में निजी जमीनों का अधिग्रहण लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत किया जाएगा। जिस तरह प्राधिकरण अपनी टीपीएस योजनाओं में कर रहा है, जिसमें 50 फीसदी जमीन वापस उसके मालिक को लौटा दी जाती है। इस इकोनॉमिक कॉरिडोर में इंदौर निवेश क्षेत्र के 9 तथा पीथमपुर निवेश क्षेत्र के 8, इस तरह कुल 17 गांवों की जमीनें शामिल की गई हैं। हालांकि जमीनों के भाव बढऩे के चलते धड़ल्ले से अवैध कॉलोनाइजेशन भी शुरू हो गया, जिस पर एमपीआईडीसी ने पिछले दिनों कार्रवाई भी की। वहीं पूर्व में जो आपत्तियां प्राप्त हुई थीं उन्हें 30 दिन की समयावधि में स्वीकार करने के बाद सुनवाई का अवसर देते हुए निराकरण भी किया गया। मगर कई जमीन मालिकों ने अपनी आपत्तियों के बाद नए सिरे से तथ्य और दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, जिसके चलते अब 29 जनवरी को नैनोद, रीजलाय, बिसनावदा, सिंदौड़ा, नावदापंथ, श्रीराम तलावली, सिंदौड़ी और कोर्डियाबर्डी के जमीन मालिकों की दोपहर 12 से 3 बजे के बीच एमपीआईडीसी के खंडवा रोड स्थित दफ्तर पर सुनवाई होगी। वहीं 31 जनवरी को रंगवासा, शिवखेड़ा, नरलाय, मोकलाय, भैंसलाय, डेहरी, सोनवाय, बागोदा और धन्नड़ के जमीन मालिकों की सुनवाई की जाएगी।

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