लाइटिंग के स्वरूप की प्लानिंग अभी पीडब्ल्यूडी ने नहीं की फाइनल
इंदौर। एमआर-9 चौराहे से नौलखा के बीच बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज पर सेंट्रल डिवाइडर बनाए जाएंगे, ताकि दोनों दिशाओं का ट्रैफिक सुरक्षित तरीके से निर्बाध गति से गुजर सके। इसके अलावा एलिवेटेड ब्रिज के किनारों पर फुटपाथ बनाने की कोई प्लानिंग नहीं है, क्योंकि फुटपाथ बनने से मुख्य मार्ग की चौड़ाई घट जाएगी।
एमआर-9 से नौलखा के बीच ब्रिज के मुख्य मार्ग की चौड़ाई 6.76 मीटर होगी, जबकि लंबाई 7.40 किलोमीटर है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि डिवाइडर बनाना सुरक्षा के लिए तो जरूरी है ही, साथ ही इससे यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि वाहन चालक गलत तरीके से जहां-तहां मुड़ न सकें। चूंकि ब्रिज बीआरटीएस कॉरिडोर के बीचोबीच बन रहा है, इसलिए पैदल आने-जाने वाले आसानी से नीचे से गुजर सकते हैं। यही वजह है कि फुटपाथ की जरूरत महसूस नहीं की गई।
लाइटिंग की प्लानिंग ईएंडएम विभाग करेगा
सूत्रों ने बताया कि एलिवेटेड ब्रिज पर सेंट्रल लाइटिंग करना है या दोनों किनारों पर पोल लगाकर लाइट लगाना है, इसकी योजना पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिकल एंड मेंटेनेंस (ईएंडएम) विभाग को फाइनल करना है। हालांकि अफसरों का कहना है कि फोरलेन चौड़े ब्रिज के हिसाब से साइड लाइटिंग पर्याप्त है।