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हाय रे शिक्षा व्यवस्था! ‘मैं स्कूल जा रहा हूं’ का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सके हेडमास्टर, देखें वीडियो

मोतिहारी। मोतिहारी राज्य के उन जिलों में शामिल है, जहां शिक्षा विभाग में सबसे अधिक अव्यवस्था और गड़बड़ियां हुई हैं। यहां शिक्षा विभाग में शायद ही कोई योजना या कार्य होगा, जिसमें पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई हो। खासकर यहां शिक्षकों की नियुक्ति में जिस तरह का फर्जीवाड़ा हुआ था, वह सभी के सामने था। अब इस शिक्षक नियुक्ति का असर भी देखने को मिला, जब स्कूल के निरीक्षण के प्रशासन की टीम पहुंच गई। इस दौरान स्कूल के हेडमास्टर साहब मैं विद्यालय जाता हूं का अंग्रेजी और संस्कृत में अनुवाद नहीं कर सके। अब बड़ी बात है कि अगर शिक्षक की यह हाल है तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा। यह चिंता का विषय है।

मामला गुरुवार का बताया जा रहा है। मोतिहारी जिला के पकड़ीदयाल एसडीओ पंचायत चैता पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय से जुड़ा है, जहां एसडीओ निरीक्षण में एक स्कूल पहुचे। वही एसडीएम साहब के सामने अपने कार्यालय कक्ष बैठे हैं वो है यहां के प्रधान शिक्षक यानी प्रधानाचार्य महोदय। प्रधान शिक्ष के साथ ये यहां के अंग्रेजी व संस्कृत के भी शिक्षक है लेकिन ये क्या जब एसडीएम साहब ने इस साहब से एक साधारण सा सवाल पूछा तो देखिए इनका क्या हाल होता है। सवाल भी ऐसा की कोई पहली कक्षा का छात्र भी आसानी से इसका जबाब दे सकता है। अब आप ये सोच रहे होंगे कि आखिर एसडीएम साहब ने ऐसा कौन सा सवाल पूछ दिया तो हम आपको बताते है कि आखिर ये आसान सा सवाल है क्या।


दरअसल, प्रधान शिक्षक ने बड़े ही रौब रुआब में कहा कि मैं यहां अंग्रेजी व संस्कृत का शिक्षक हूँ तो एसडीएम साहब ने ये सवाल किया कि आप बताइए कि मैं विद्यालय जाता हूँ इसका आप अंग्रेजी व संस्कृत अनुवाद बता दीजिए तो साहब का सिट्टी पिट्टी गम हो गयी। इतने आसान सवाल का प्रिंसपल महोदय जबाब नही दे पाए तो एसडीएम ने अपना माथा पकड़ लिया और उसके बाद उनकी जमकर क्लास लगाई और उन्हें पहले स्वधायाय करने की नसीहत दी और सभी शिक्षकों को घर से पढ़ाई करके आने की सलाह दी ओर उसके बाद एसडीएम साहब फिर से क्लास रूम में गए और बच्चो को ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाने लगें। एसडीएम ब्लैक बोर्ड पर बच्चो को पढ़ा रहे हैं और वहां के सहायक शिक्षक को भरे क्लास रूम में बच्चो को गलत जानकरी देने के कारण फटकार लगा रहे हैं।

 

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गुरुवार को पकड़ीदयाल के एसडीएम कुमार रविन्द्र क्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम में निकले थे। इसी कड़ी में वहां के चैता पंचायत के उत्क्रमित मध्य विधालय पहुंचे व उसका औचक निरीक्षण किया। बच्चो को क्लास रूप में पढ़ता देख वे अपने आप को रोक नही सके और पालक झपकते वे पहुंच गए क्लास रूम में जहां उन्होंने देखा कि विद्यालय के सहायक शिक्षक मुकुल कुमार बच्चो को पर्यावरण के बारे में गलत ज्ञान बांट रहे हैं। फिर क्या था पहले तो उन्होंने बच्चो के सामने ही सहायक शिक्षक की जमकर क्लास लगा दी।

पकड़ीदयाल एसडीओ कुमार रविन्द्र ने बताया कि विद्यालय का निरीक्षण किया गया। शिक्षकों को स्वाध्याय कर स्कूल आने की जरूरत है। आबादी के सबसे अधिक बच्चे सरकारी विद्यालय में पढ़ते है। ऐसे में बच्चे के भविष्य को लेकर जिला शिक्षा विभाग को समय समय पर शिक्षकों की गुणवत्ता के लिए ट्रेनिग देना चाहिए। वही शिक्षकों को स्वाध्याय करने की कड़े निर्देश की आवश्यकता है।

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