उज्जैन। कोरोना की दूसरी लहर में सैकड़ों लोगों की मौत हुई और अधिकांश के पास कोरोना की बीमारी के प्रमाण पत्र नहीं हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग अपनी गुहार लेकर सहायता हेतु लगे शिविरों में पहुँच रहे हैं। इन शिविरों में भारी भीड़ है। कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर बृहस्पति भवन में नायब तहसीलदार भूमिका जैन के नेतृत्व में पांच कर्मचारियों द्वारा आवेदन-पत्र के साथ चेकलिस्ट के अनुसार वांछित दस्तावेज की पूर्णता पश्चात आवेदन-पत्र लिये जा रहे हैं। शुक्रवार शाम तक 40 से अधिक आवेदन-पत्र प्राप्त हुए हैं। अपर कलेक्टर अवि प्रसाद ने बताया कि अनुग्रह राशि के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र पूर्ण भरा होना चाहिए। मृत्यु प्रमाण पत्र एवं आईडी प्रूफ और मृतक के वारिस का आईडी प्रूफ संलग्न करना होगा। मृतक एवं दावेदार के बीच संबंधों का भी पता लगाया जाएगा। आरटीपीसीआर या रैपिड जांच रिपोर्ट अथवा चिकित्सक की जांच रिपोर्ट पर दो चिकित्सकों के हस्ताक्षर होना आवश्यक है।
आवेदक का आधार लिंक बैंक खाता, पासबुक की प्रमाणित प्रति संलग्न होना चाहिए। जहर से, दुर्घटना से, आत्महत्या या मानव हत्या को कोविड-19 से मृत्यु नहीं मानाजाएगा भले ही मृत्यु के समय मृतक कोरोना वायरस से संक्रमित हो ऐसे व्यक्तियों अथवा शासकीय कर्मियों के परिजनों को जिन्हें मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना, मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना अथवा मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना का लाभ दिया गया है अथवा जो इन योजनाओं में लाभ लेने के लिए पात्र हैं। वह अनुग्रह राशि के पात्र नहीं होंगे। अनुग्रह राशि प्राप्त करने के लिए मृतक के पति-पत्नी जैसी भी स्थिति हो प्रथम हकदार, इनके ना होने की स्थिति में अविवाहित विधिक संतान को अनुग्रह राशि प्रदान की जा सकेगी। इसी तरह मृतक पति-पत्नी व अविवाहित विधिक संतान के ना होने की स्थिति में मृतक के माता-पिता अनुग्रह राशि के पात्र होंगे। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु होने पर प्रत्येक मृतक के वारिसान को अनुग्रह राशि 50 हजार दी जाएगी।
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