इंदौर न्यूज़ (Indore News)

कांग्रेस की समन्वय समिति की बैठक में इंदौर से अल्पसंख्यक को भी टिकट देने की मांग आई सामने

  • कांग्रेस नेता एक-दूसरे का नाम आगे करते रहे, लेकिन दमदारी किसी ने नहीं दिखाई

इंदौर। शहर कांग्रेस की चुनाव समन्वय समिति की बैठक में कल समन्वय का अभाव नजर आया, जब नेता एक-दूसरे का नाम हंसी-मजाक में लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए आगे करते रहे। कुछ नेताओं ने स्वयं चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की, लेकिन समन्वय समिति के अध्यक्ष के सामने ऐसा कोई बड़ा नाम नहीं आया, जिस पर विचार किया जा सके। वही इस बार अल्पसंख्यक वर्ग को टिकट देने की मांग भी उठी। इंदौर लोकसभा सीट की समन्वय समिति का प्रभारी पूर्व मंत्री बाला बच्चन को बनाया गया है। कल उन्होंने पहली बैठक सदस्यों के साथ की। बैठक का उद्देश्य लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कैसे लड़े।

बच्चन ने जब नेताओं से पूछा कि इंदौर से लोकसभा के लिए किसका नाम आगे किया जाए तो सांवेर से चुनाव लड़ी रीना बोरासी ने कह दिया कि जीतू पटवारी लोकसभा चुनाव के लिए उपयुक्त उम्मीदवार हो सकते हैं। उन्हें चुनाव लडऩा चाहिए। वैसे पटवारी चुनाव ना लड़ते हुए प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभालेंगे, फिर भी उनके नाम को लेकर चर्चा होती रही। वहीं भाजपा से कांग्रेस में आए भंवरसिंह शेखावत का नाम भी उछला, हालांकि वे बैठक में मौजूद नहीं थे, इसके बाद तो नाम की होड़ लग गई। महू के सेवादल प्रदेश अध्यक्ष योगेश यादव, कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव, अरविंद बागड़ी ने भी चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर कर दी। शेख अलीम ने इस बार टिकट अल्पसंख्यक मोर्चा से देने की बात की। उन्होंने कहा कि इस बार कांग्रेस को इंदौर से किसी अल्पसंख्यक नेता को टिकट दिया जाना चाहिए , जिसके अच्छे परिणाम आएंगे। बच्चन सबकी बात सुनते रहे। उन्होंने यही कहा कि यह तो सब हाईकमान तय करेगा, वह उनकी बात उनके सामने रख देंगे।


संजय शुक्ला बोले-टिकट नहीं मांगूगा, मिला तो वरिष्ठों से बात करके लडूंगा
कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में एक चर्चा चल पड़ी है कि पूर्व विधायक संजय शुक्ला लोकसभा चुनाव लडऩे के मूड में है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया और कहा कि मैं टिकट नहीं मांगूंगा और अगर कांग्रेस मुझे टिकट देती भी है तो मैं वरिष्ठों से बात करके चुनाव लड़ूंगा। लगातार दो चुनाव हारने के बाद भी संजय शुक्ला अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं और पार्टी की गतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं, जबकि चुनाव लडक़र हारने वाले कई नेता गायब हो चुके हैं। समन्वय समिति के वे सदस्य भी है। उनका नाम लोकसभा प्रत्याशी के रूप में सामने आ रहा है। इसके पहले लोकसभा चुनाव लड़ चुके पंकज संघवी और सत्यनारायण पटेल अभी इस पर खामोश हैं कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं, लेकिन जब शुक्ला से पूछा गया कि वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने पहली बार में स्पष्ट मना कर दिया और कहा कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी मुझे टिकट देती है तो मैं पहले सोचूंगा और अपने वरिष्ठजनों से बात करने के बाद ही कोई निर्णय लूंगा।

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