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बुलडोजर की राजनीति में अब बीजेपी-आप आरोप-प्रत्यारोप के बाद एक दूसरे के मकान गिराने पर उतारू


नई दिल्ली । देश की राजनीति में (In the Politics of the Country) बुलडोजर (Bulldozer) इस समय एक बड़ा मुद्दा (Big Issue) बना हुआ है। दिल्ली में बुलडोजर की राजनीति में (In the Politics of Bulldozer) अब बीजेपी-आप आरोप-प्रत्यारोप के बाद (Now after the BJP-AAP Allegation) एक दूसरे के मकान गिराने पर उतारू है (Ready to Demolish Each Other Houses) । उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश होते हुए अब बुलडोजर की राजनीति दिल्ली में अपने चरम पर है।


दिल्ली में भी जहांगीरपुरी से लेकर शाहीन बाग तक, लगातार ऐसी कार्रवाई हो रही है। इस समय दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में बुलडोजर कार्रवाई देखने को मिल रही है। हनुमान जयंती पर हुए बवाल के बाद 20 अप्रैल को जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलाया गया। इसके बाद ये विवाद इतना ज्यादा हो गया कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया और फिर कोर्ट की ओर से उस कार्रवाई पर ही रोक लगा दी गई, लेकिन उस फैसले के बाद जहांगीरपुरी में तो बुलडोजर थमा, लेकिन शाहीन बाग में ये बुलडोजर सक्रिय हो गया। जब वहां हुई कार्रवाई को लेकर भी सीपीएम ने ये मामला सुप्रीम कोर्ट में उठा दिया तो यह उम्मीद की गई कि जहांगीरपुरी की तरह यहां भी राहत मिल जाएगी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उल्टा फटकार लगाते हुए सवाल उठाया कि कोई राजनीतिक पार्टी इस तरीके से यहां पर क्यों आई है?

कोर्ट ने तब उस याचिका को सुनने से ही मना कर दिया कहा कि जहांगीरपुरी का मामला अलग था। साथ ही, यह भी कि अगर किसी को अतिक्रमण के खिलाफ हो रही कार्रवाई से दिक्कत है तो पहले दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया जाए। वहां पर राहत ना मिले, तो ही सुप्रीम कोर्ट का रुख करें।इसके बाद शाहीन बाग का मामला ठंडा पड़ा तो मदरपुर में बुलडोजर के आने से विवाद और गहरा गया। वहां तो दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) अधिकारियों पर ही पथराव हो गया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस घटना में आप विधायक अमानतुल्लाह खान को भी गिरफ्तार किया गया था जिन्हें बाद में कोर्ट से बेल मिल गई।

दिल्ली में जारी बुलडोजर कार्रवाई के बीच बीजेपी और आम आदमी पार्टी की एक दूसरे पर बुलडोजर को लेकर बयानबाजी के बाद अब कार्रवाई पर उतारू हैं। बीजेपी नेताओं के अनुसार आम आदमी पार्टी (आप) के राउज एवेन्यू स्थित कार्यालय में दो कमरे अवैध तरीके से बनाए गए हैं। इसलिए उन्हें तोड़ने की मांग उठा रहे हैं।इस सिलसिले में दिल्ली बीजेपी नेता प्रवीन शंकर कपूर ने नॉर्थ एनडीएमसी को एक पत्र लिखा है। उस पत्र में दावा कर दिया गया है कि आप कार्यालय के जो दो कमरे बने हुए हैं, असल में वो सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाए गए हैं। हालांकि अभी तक एनडीएमसी की तरफ से इस पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। लेकिन इससे पहले भी इस तरह के पत्रों के आधार पर कार्रवाई होती रही है। हालांकि अब जब आप ने दावा किया है कि अगर शनिवार सुबह तक दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता के घर अवैध अतिक्रमण पर अगर कार्रवाई नहीं होती है तो ‘आप’ खुद बुलडोजर लेकर आदेश गुप्ता के घर का अतिक्रमण तोड़ेगी।

इस मसले पर ‘आप’ के नगर निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, पूरी दिल्ली में बीजपी ने तबाही मचा रखी है, दिल्ली वालों को उनके लोग धमका रहे हैं कि 5-10 लाख दो, वरना घर तोड़ देंगे। गरीबों, अनियमित कॉलोनियों, जेजे कॉलोनियों में रहने वालों के घर तोड़े जा रहे हैं। बीजेपी नेता या एमसीडी के कर्मचारी के घर पर बुलडोजर नहीं चलाए जा रहे हैं जिन्होंने मिलकर ये सब अवैध निर्माण कराया है।पाठक ने कहा कि आदेश गुप्ता के घर पर अवैध निर्माण हुआ है। उन्होंने स्कूल की जमीन पर कब्जा करके अपना ऑफिस बनाया है। हमने मेयर और कमिश्नर को आधिकारिक तौर पर शिकायत की है, लेकिन उनकी हिम्मत कार्रवाई करने की नहीं है।

 

इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी शासित नगर निकायों द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान पर चर्चा के लिए विधायकों की शनिवार को अपने आवास पर एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में बीजेपी द्वारा अतिक्रमण रोधी अभियान पर की जा रही राजनीति का मुकाबला करने के लिए रणनीति बनाई जाएगी, वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है और उनसे भाजपा शासित नगर निकायों द्वारा अतिक्रमण रोधी अभियान के नाम पर शुरू किए गए विध्वंस को रोकने की अपील की है। उन्होंने दावा किया कि नगर निकाय की योजना राष्ट्रीय राजधानी की 63 लाख झुग्गियों को तोड़ने की है। गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में दिल्ली के तीन नगर निकायों ने शाहीन बाग, मदनपुर खादर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, मंगोलपुरी, करोल बाग, ख्याला और लोधी कॉलोनी सहित कई इलाकों में ध्वस्तीकरण अभियान चलाया है।

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