नई दिल्ली । अपने 150 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य पर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD ने बुधवार को अपनी वार्षिक जलवायु सारांश 2024 (Annual climate summary) रिलीज की है। इस रिपोर्ट में भारत (India) में बीते साल मौसम से जुड़ी घटनाओं पर विस्तार से बात की गई है। इसमें मौसम संबंधित कई ऐसे डेटा भी पेश किए गए हैं जो डरा सकते हैं। गौरतलब है कि 2024 को अब तक धरती पर सबसे गर्म साल बताया जा रहा है। जानकारों ने कहा है कि 1901 के बाद बीते साल धरती का तापमान सबसे अधिक रहा और इसका असर भारत पर भी दिखा जहां क्लाइमेट चेंज की वजह से मौसम संबंधित आपदाओं ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई।
IMD की इस रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में देश में एक्सट्रीम वेदर से जुड़ी घटनाओं की वजह से 3,200 से ज्यादा मौतें हुईं। इनका विश्लेषण करे तो भारत में पिछले साल बिजली और आंधी की वजह से 1,374 लोगों की मौत हो गई। वहीं बाढ़ और भारी बारिश की वजह से 1,287 और लू की वजह से 459 लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके अलावा यह रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि कई जगहों पर तापमान और बारिश दोनों के मामले में 1901 के बाद से नए रिकॉर्ड दर्ज किए हैं। गुजरात के पोरबंदर में 19 जुलाई को 485.8 मिमी बारिश के साथ एक दिन में सर्वाधिक बारिश का नया रिकॉर्ड दर्ज किया गया। वहीं गर्मी भी चरम पर रही। राजस्थान के चुरू में 50.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया।
राज्यवार स्थिति की बात करे तो बिहार में बिजली और आंधी की वजह से सबसे ज्यादा लोगों की जान गई जबकि केरल में बाढ़ और भारी बारिश काल बनकर उभरी। इन दो राज्यों के अलावा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी खराब मौसम बड़ी संख्या में लोगों का मौत का कारण बना।
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