प्रशासन पूरी ताकत से जुटा है सप्लाय बढ़ाने में… दुरुपयोग रूकवाने की भी पहल शुरू
इंदौर। इंजेक्शन (Injection) के अलावा सबसे बड़ी चिंता ऑक्सीजन (Oxygen) की भी है, जिसके लिए शासन-प्रशासन पूरी ताकत से जुटा है। 100 टन ऑक्सीजन (Oxygen) की डिमांड (demand) है और 72 टन मिल सकी। जामनगर (Jamnagar) और भिलाई से टैंकर कल आए और पीथमपुर से भी देर रात सिलेंडर (cylinder) अफसरों ने घड़़े होकर भरवाए। ऑक्सीजन के दुरुपयोग को रोकने की पहल भी शुरू की गई और चिकित्सकों ने अस्पतालों के लिए गाइडलाइन भी जारी की है। मुख्यमंत्री ने भी ऑक्सीजन की कमी ना होने देने की बात कही है और इसके लिए केन्द्र के साथ-साथ गुजरात सरकार से भी बात की गई है। मरीजों को कितनी ऑक्सीजन देना है इसके भी निर्देश दिए जा रहे हैं।
बीते दो दिनों से पूरा प्रशासन ऑक्सीजन (Oxygen) सप्लाय को ठीक करने में जुटा रहा। उसके साथ बेड और इंजेक्शनों की भी व्यवस्था की गई। महाराष्ट्र और गुजरात सरकार ने आदेश जारी कर अपने ऑक्सीजन (Oxygen) प्लांटों के संचालकों को निर्देश दिए कि बाहरी राज्यों को ना देते हुए वहीं के अस्पतालों को पहले दी जाए। इसके बाद शासन-प्रशासन सक्रिय हुआ और गुजरात के जाम नगर से लिक्विड ऑक्सीजन का टैंकर बुलवाया और फिर शाम को भिलाई स्थित प्लांट से भी एक ऑक्सीजन टैंकर आया, जिससे थोड़ी राहत मिली। अधिकारियों का कहना है कि 100 टन ऑक्सीजन सप्लाय की डिमांड अभी आ रही है, जबकि आपूर्ति 72 टन के आसपास ही हो सकी। हालांकि कई जगह ऑक्सीजन का दुरुपयोग यानी वेस्टेज भी हो रहा है, जिसके चलते मेडिकल कालेज के ड़ाक््टर और विशेषज्ञ अस्पतालों को निर्देश दे रहे हैं कि किस तरह ऑक्सीजन (Oxygen) का इस्तेमाल करना है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री चौहान (CM Chauhan) ने भी स्पष्ट कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति का कोई संकट नही ंहै और इस संबंध में केन्द्र के साथ-साथ गुजरात सरकार से भी बात की गई है और अब वहां से भी आपूर्ति जारी रहेगी। दूसरी तरफ शहर में डिमांड बढऩे और स्थिति बिगडऩे पर कलेक्टर मनीष सिंह ने अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर और अन्य अधिकारियों को पीथमपुर भेजा, जहां मित्तल के स्टील प्लांट से ऑक्सीजन (Oxygen) सिलेंडर भरवाए गए और लगभग 600 से अधिक सिलेंडर रात को भरवाकर अस्पतालों तक पहुंचाए गए। एकेवीएम एमडी रोहन सक्सेना और बिजली कम्पनी के संतोष टैगोर भी ऑक्सीजन (Oxygen) सप्लाय करवाने के प्रयासों में जुटे रहे और पूरी क्षमता से प्लांट चलवाकर ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन तैयार कर अस्पतालों में पहुंचाई जा रही है।
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