सालभर ठेकेदारों को ही करना है मेंटेनेंस, सीमेंट कांक्रीट की सडक़ों के लिए भी 50-50 लाख के टेंडर जारी
इंदौर। पिछले साल नगर निगम (Municipal council) ने बारिश के कारण बर्बाद हुई डामर (Asphalt) की सडक़ों पर 25 करोड़ (25 crores) रुपए से अधिक का पेंचवर्क (Screwwork) करवाया था, जिसमें चार एजेंसियों को काम दिया गया था। टेंडर शर्त के मुताबिक इन ठेकेदार एजेंसियों को एक साल तक इन सुधारी गई सडक़ों का रख-रखाव भी करना है। अब निगम जहां बारिश के पूर्व सडक़ों के गड्ढे भगवाने की योजना बना रहा है, तो उसके साथ ही सालभर की गारंटी पीरियड वाली सडक़ों की जांच भी करवाई जाएगी और अगर पेचवर्क उखड़ा पाया गया तो संबंधित ठेकेदार फर्म से ही उसकी मरम्मत करवाएंगे। अभी डामर के साथ-साथ सीमेंट कांक्रीट की सडक़ों की मरम्मत के लिए भी निगम ने नए टेंडर जारी किए हैं, जिसमें 6 करोड़ के डामर के पेचवर्क के दो पैकेज के अलावा सीमेंट कांक्रीट के लिए भी 50-50 लाख के टेंडर बुलाए हैं। इसके अलावा डिवाइडर, ग्रीन बेल्ट और उद्यानों को गोद देने का भी निर्णय लिया गया है।
पिछले साल बारिश का सिलसिला नवम्बर माह तक जारी रहा, जिसके चलते निगम को पेंचवर्क करवाने में भी पसीने छूट गए। शहर में जो पुरानी डामर की सडक़ें हैं, वे हर साल बारिश में गड्ढामय हो जाती है, जिनमें एबी रोड, रिंग रोड से लेकर अन्य महत्वपूर्ण सडक़ें शामिल हैं। इंदौर में वैसे तो 3851 किलोमीटर की सडक़ें निगम के अधीन हैं और उसमें से 5 सालों में 306 किलोमीटर सडक़ों पर निगम 50 करोड़ रुपए से अधिक पेंचवर्क पर ही खर्च कर चुका है। हर साल 8 से 10 करोड़ रुपए इन उखड़ी सडक़ों की मरम्मत पर खर्च होते हैं। कल महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जनकार्य और उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें प्रभारी राजेन्द्र राठौर के साथ अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी, नागेन्द्रसिंह भदौरिया, चेतन पाटिल व अन्य मौजूद रहे। जनकार्य समिति प्रभारी राठौर के मुताबिक पिछले साल 4 पैकेज में लगभग 25 करोड़ रुपए का डामर कराया था और सालभर की गारंटी थी। अब इन सडक़ों की जांच कराई जा रही है, ताकि इनकी मरम्मत करवाई जा सके। अभी बारिश में जल जमाव की स्थिति ना रहे, उन क्षेत्रों को भी चिन्हित किया गया है और बारिश के पूर्व भी कुछ सडक़ों की मरम्मत यानी गड्ढे भरवाए जाएंगे। इसके लिए अभी दो पैकेज 6 करोड़ के टेंडर बुलाए हैं, तो सीमेंट कांक्रीट की सडक़ों को भी सुधारेंगे। इसके साथ ही रहवासी संघों, निजी कम्पनियों या अन्य लोग जो उद्यान, चौराहे, डिवाइडर, ग्रीन बेल्ट गोद लेना चाहते हैं वे आगे आ सकते हैं। कई चौराहों के लेफ्ट टर्न सुधारने के साथ-साथ मास्टर प्लान की बन रही सडक़ों की समीक्षा भी कल की गई।
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