इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : भूमाफियाओं के चंगुल से संस्थाओं की जमीनें छूटकर पीडि़तों के कब्जे में

पूर्व की दोनों मुहिम में अनुबंधित संस्थाओं के सुरक्षित रखे प्राधिकरण के भूखंड ही ज्यादा दिलवाए पीडि़तों को… इस बार चर्चित संस्थाओं की जमीनें बटेंगी
इंदौर। भूमाफियाओं (Land mafia) के चंगुल में सालों से फंसी चर्चित गृह निर्माण संस्थाओं (housing institutions) की जमीनें पहली बार पीडि़तों के कब्जे में आने लगी हैं। यह तीसरी संयुक्त मुहिम चल रही है। इसके पहले 2009 के बाद 2019-20 में जो मुहिम चली थी उसमें कुछ भूमाफिया जेल तो अवश्य गए, लेकिन पीडि़तों को ज्यादातर इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority)  से अनुबंधित संस्थाओं के ही भूखंड मिल सके और चर्चित संस्थाओं की जमीनें चंगुल से नहीं छूट सकीं। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने सख्ती और दबंगता के साथ जिस तरह रहवासियों को मोटिवेट किया और जनप्रतिनिधि भी हौसला बढ़ाने उनके बीच पहुंचे उससे पहली बार वास्तविक भूखंड मिलते नजर आ रहे हैं।


भूमाफियाओं के खिलाफ 2009 में भी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने भी बड़ी मुहिम चलवाई थी, जिसमें बॉबी छाबड़ा सहित कुछ भूमाफिया जेल भी गए और कई पीडि़तों को भूखंड मिले। इसमें प्राधिकरण की योजना 133 की संस्था भी रही। हालांकि बाद में संस्थाओं ने जमीनें बिल्डर-कॉलोनाइजरों को बेच दीं और कुछ ही भूखंड पीडि़तों को मिल सके। उस वक्त भी प्राधिकरण से अनुबंधित संस्थाओं के सुरक्षित रखे भूखंडों को ही प्रशासन बंटवा सका था। इसी तरह 2019-20 में कमलनाथ सरकार ने भी दूसरी मुहिम शुरू की। उसमें भी बॉबी सहित कुछ भूमाफिया जेल गए और कुछ ही पीडि़तों को भूखंड हासिल हुए। उसमें भी प्राधिकरण के ही भूखंड अधिक शामिल रहे। अब जो तीसरी मुहिम फिलहाल चल रही है वह अवश्य मैदानी नजर आ रही है, जिसके चलते पीडि़तों को भी उम्मीद बंधी है कि 20-25 साल से चल रहा उनका संघर्ष अब न्याय में तब्दील होता दिख रहा है। अयोध्यापुरी (Ayodhyapuri)  जैसी जटिल कॉलोनी को प्रशासन ने सूझबूझ से 10 दिनों में ही पटरी पर ला दिया और अधिकांश जमीनें सरेंडर करवा लीं। उसी तरह पुष्प विहार (Pushp Vihar) में भी दो दिवसीय मेला लगाकर पहली खेप में ही 500 से ज्यादा भूखंड पीडि़तों को कब्जा दिलवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इन दोनों कॉलोनियों के सारे भूखंड भूमाफियाओं के कब्जे में ही रहे, जो पहली बार छूटकर पीडि़तों को मिल रहे हैं। पिछले दिनों कलेक्टर मनीष सिंह ने भूमाफियाओं के खिलाफ मुहिम शुरू करते हुए 18 के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें पूर्व की दोनों मुहिमों से साफ बच निकले और अधिकांश संस्थाओं पर कब्जा जमाए सुरेन्द्र संघवी और दीपक मद्दा के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाई गई। इसका परिणाम यह निकला कि अब बाकी सारे भूमाफिया जहां सकते में आ गए, वहीं जिन रसूखदारों ने जमीनें हथिया रखी थीं, वे भी एफआईआर-गिरफ्तारी और जांच से घबराकर जमीनें लौटाने लगे हैं। देवी अहिल्या श्रमिक कामगार और मजदूर पंचायत गृह निर्माण से इसकी शुरुआत हो गई है। वहीं हिना पैलेस का बड़ा फर्जीवाड़ा भी उजागर हुआ और इसके सरगना दीपक मद्दा के खिलाफ आधा दर्जन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। कॉलोनी की बाउंड्रीवॉल से लेकर अन्य निर्माण भी तोड़े गए। अब अन्य संस्थाओं की जमीनें भी इसी तरह पीडि़तों के कब्जे में एक-एक कर आएंगी।


कोर्ट-कचहरी के भी कई दस्तावेज संघवी के दफ्तर से जब्त
फरार भूमाफिया सुरेन्द्र संघवी के नवनीत दर्शन स्थित दफ्तर पर पुलिस ने प्रशासन की मदद से छापा डाला। तहसीलदार सुदीप मीणा ने ताला तुड़वाया और थाना प्रभारी एमआईजी विनोद दीक्षित और उनकी टीम ने अयोध्यापुरी सहित अन्य संस्थाओं के दस्तावेजों की खोज की। अयोध्यापुरी में सिम्प्लेक्स की जमीनों के दस्तावेजों की फोटोकॉपी के अलावा इन जमीनों को बचाने के लिए कोर्ट-कचहरी, वकीलों के आवेदन व अन्य दस्तावेज भी मिले हैं।


मेले में रोते हुए पहुंचे और हंसते हुए लौटे
अयोध्यापुरी में जहां अधिकांश भूखंडों पर बाउंड्रीवॉल बन गई, वहीं पुष्प विहार में दो दिवसीय मेला भी प्रशासन ने लगवाया। 20 से 25 सालों से भूखंड का सपना देख रहे कई लोग तो रोते हुए पहुंचे और हंसते हुए वापस लौटे। कई बुजुर्गों ने तो उम्मीद ही छोड़़ दी थी। अब उनके चेहरे पर चमक लौट आई। वहीं प्रोफेसर सरोज कुमार सहित कई सालों से संघर्ष कर रहे पीडि़त बोले कि ऐसा नजारा पहली बार देखने को मिला है। पुष्प विहार के मैदान में पीडि़तों और उनके वाहनों की दिनभर भीड़ लगी रही।

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