- 25 से 46 बार तक यातायात नियम तोडऩे वाली एक दर्जन महिलाएं पकड़ाईं
- दस प्रतिशत महिलाएं चलाती हंै गाडिय़ां…ज्यादातर चला रहीं दोपहिया वाहन… फिर भी नियमों की तोड़ाफोड़ी
इंदौर। यातायात नियम तोडऩे के आदतन लोगों में महिलाएं भी शामिल हैं। हालांकि इनकी संख्या काफी कम है। पुलिस ने एक दर्जन से अधिक महिलाओं को नियम तोड़ते पकड़ा और आरएलवीडी से जांच करवाई तो पता चला कि ये 25 से 46 बार नियम तोड़ चुकी हैं। इनसे भी पुराना हिसाब बराबर करने के बाद गाड़ी छोड़ी गई।
शहर को यातायात में नंबर वन बनाने की कवायद में जुटी पुलिस का मानना है कि हर वर्ग का व्यक्ति इसमें सहयोग देगा, तब ही यह संभव होगा। इसके चलते पुलिस जागरूकता अभियान चलाने के साथ चालानी कार्रवाई भी कर रही है। डीसीपी यातायात महेशचंद्र जैन का कहना है कि शहर में लगभग आठ लाख गाडिय़ां रोजाना सडक़ पर रहती हैं। इनमें से दस प्रतिशत गाडिय़ां महिलाएं चलाती हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं नियम कम तोड़ती हैं।
ज्यादातर महिलाएं स्कूटी और एक्टिवा चलाती हैं तो कुछ कार, लेकिन ऐसा नहीं है कि नियम तोडऩे के आदी केवल पुरुष ही हैं। कुछ महिलाएं भी इसमें शामिल हंै। उनका कहना है कि लगातार चलाए जा रहे अभियान में पुलिस ने एक दर्जन से अधिक ऐसी महिलाओं को पकड़ा, जो 25 से 46 बार नियम तोड़ चुकी हैं। इनसे पुलिस ने पुराना हिसाब बराबर करने के बाद गाड़ी छोड़ी। महिला बल कम होने से महिलाओं के खिलाफ चालानी कार्रवाई भी कम होती है तो कुछ को समझाइश देकर छोड़ दिया जाता है।
चार माह में 36 हजार चालान
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार शहर में इस साल के पहले चार माह में 36 हजार चालान बनाए गए हैं। इनमें ई-चालान और मौके पर बनाए गए चालान शामिल हैं। जैन का कहना है कि शहर में 70 प्रतिशत लोग अब नियम का पालन करने लगे हैं। अभी भी 30 प्रतिशत लोग लगातार नियम तोड़ते हैं। इनके खिलाफ पुलिस की मुहिम जारी रहेगी। नियम तोडऩे में सबसे अधिक दोपहिया वाहन चालक हैं। चार माह में साढ़े 11 हजार लोगों के खिलाफ चालानी कार्रवाई हुई है।