प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शिरकत करने आई उषा का दिल जीत लिया इंदौरी रंगत ने
इंदौर। अमेरिका (America) के शहर इलिनॉई ( Illinois) के स्कोकी में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की एक हजार किलो वजनी कांस्य प्रतिमा (bronze statue) जनसहयोग से स्थापित करा चुकी उषा कमारिया प्रवासी भारतीय सम्मेलन (Indian convention) में शामिल होने आई हैं। दशकों पहले से जो इंदौर उनकी आंखों में बसा था, उसके बदले रूप ने उन्हें सम्मोहित कर रखा है। श्रीमती कमारिया को इंदौर के लोगों पर गर्व है। वो कहती हैं कि एक साथ लगातार छह बार इंदौर का देश में नंबर वन पर बने रहना बताता है कि स्वच्छता का अनुशासन हर नागरिक की रग-रग में रक्त की तरह प्रवाहित है। मीडिया से चर्चा में उन्होंने जहां अपनी उपलब्धियों का जिक्र किया, वहीं यह कहना भी नहीं भूलीं कि इंदौर के आमजन की इन उपलब्धियों को वह अमेरिका में तो बताएंगी ही, साथ ही इंदौर इस बात की भी मिसाल बना है कि व्यक्ति ठान ले तो सामूहिक संकल्प से असंभव को भी संभव कर सकता है।
शिकागो में भारतीय समुदाय की अध्यक्ष
विश्व के इस सर्वशक्तिमान देश की नाइल्स टाउनशिप (शिकागो) में भारतीय समुदाय की अध्यक्ष रहने के साथ ही श्रीमती कमारिया इलिनॉई स्टेट में शासकीय पद पर पहली एशियाई भारतीय महिला रही हैं। यही नहीं वे हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ गैर हिंदी भाषियों को मंच उपलब्ध कराने वाली संस्था हिंदी लवर्स क्लब की संस्थापक सदस्य हैं। उषा की उपलब्धियों को उज्जैन के वरिष्ठ पत्रकार रमेश दीक्षित ने उषा कमारिया-द पाथ फाइंडर नाम से पुस्तक रूप में समाहित किया है।