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ईरान: 13 साल बाद मिली बेटी के हाथों दिलवाई मां को फांसी, जानें क्‍या है पूरा मामला

नई दिल्‍ली। ईरान (Iran ) एक ऐसा मुस्लिम देश जहां कट्टरपंथी चरम पर है. यहां के कड़े कानून समय-समय पर दुनियाभर की मीडिया की सुर्खियां बनते रहते हैं. हाल ही में यहां एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसकी बात पूरी दुनिया में हो रही है और कई लोग इसे अमानवीय (inhumane) बता रहे हैं. दरअसल, यहां एक महिला को उसकी ही बेटी के हाथों फांसी (hanging) की सजा दिलाई गई. जिस महिला को फांसी की सजा मिली उस पर पति की हत्या का आरोप था. वह 13 साल से जेल में बंद थी.

क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2009 में मरियम करीमी नाम की एक महिला ने अपने पिता के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी थी. महिला का कहना था कि पति उस पर काफी जुल्म करता था. वह रोज पीटता था, खाना भी नहीं देता था. पहले मरियम के पिता ने दामाद को खूब समझाने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उन्होंने मरियम को तलाक देने के लिए कहा, लेकिन वह इसके लिए भी तैयार नहीं हुआ. परेशान होकर मरियम ने अपने पिता के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी. उस वक्त मरियम की 6 साल की एक बेटी थी. पुलिस ने मरियम और उसके पिता को अरेस्ट कर लिया, जबकि उसकी बेटी को उसके दादा-दादी अपने साथ ले गए. उन्होंने उसे बताया कि माता-पिता मर चुके हैं.



शरिया अदालत ने दी फांसी की सजा
इस केस में शरिया अदालत ने मरियम और उनके पिता को सजा-ए-मौत दी. जेल में रहने के दौरान मरियम के पिता की नेचुरल मौत हो गई. मरियम की फांसी की सजा में देरी होती रही. हालांकि इस देरी की वजह क्या रही, ये साफ नहीं हो पाया. 22 फरवरी 2021 को मरियम को उस जेल में शिफ्ट किया गया जहां फांसी होनी थी, लेकिन यहां भी फांसी में देरी हुई. कुछ समय पहेल मरियम को फांसी दी गई और इसे देने के लिए उनकी बेटी को बुलाया गया.

बेटी के इनकार करने पर भी दबाव बनाकर दिलाई सजा!
‘ईरान वायर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस मरियम को काले बुर्के में फांसी के तख्ते तक लेकर आई थी. पुलिस वालों ने गले में फंदा डाला. उसे कुर्सी पर खड़ा किया गया था. इसके बाद मरियम की बेटी से कुर्सी को लात मारकर हटाने को कहा गया, जिससे मरियम फंदे पर लटक जाए. बेटी इसके लिए तैयार नहीं थी. लेकिन जेल प्रशासन और पुलिस के दबाव में उसने वही किया जो उसे कहा गया. मरियम की मौत के 4 महीने बाद उसे फांसी पर लटकाने की खबर बाहर आई है. इसके बाद एक बार फिर से ईरान में अमानवीय कानूनों को बदलने की मांग तेज हो गई है.

आखिर बेटी से क्यों दिलवाई गई फांसी
इस घटना में सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर बेटी के हाथों मां को क्यों फांसी दिलाई गई. इसका जवाब ईरान की मीडिया में इस घटना को लेकर छपी खबर से ही मिलता है. दरअसल, ईरान के इस्लामिक कानून के मुताबिक हत्या के मामले में सरकार और प्रशासन की जगह मारे गए व्यक्ति के परिवार वालों को यह तय करने का अधिकार है कि कातिल को क्या सजा दी जाए. इसमें सबसे बर्बर तरीका है किसास (qisas), इसे आंख के बदले आंख या खून का बदला खून कहा जाता है. इसके अलावा यहां ‘ब्लड मनी’ का भी कानून है. ब्लड मनी में मारे गए शख्स के परिवार वाले एक तय रकम कातिल से लेकर उसे माफ कर देते हैं. इस मामले में इसलिए बेटी से सजा दिलाई गई, लेकिन यह अभी तक साफ नहीं हुआ है कि मरियम को फांसी की सजा मिले, ये किसने तय किया.

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