विदेश

इजरायल ने कहा- तत्काल यूक्रेन छोड़ें उसके नागरिक, युद्ध के बने हालात


यरुशलम । इज़रायल (Israel) ने अपने नागरिकों से एक बार में यूक्रेन (Ukraine) छोड़ने की अपील की है और कीव से तेल अवीव (Tel Aviv) के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए एयरलाइंस के साथ परामर्श कर रहा है। यह जानकारी इजरायल के विदेश मंत्रालय (Israeli Foreign Ministry) ने दी। मंत्रालय ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो इज़रायल अपने नागरिकों को निकालने की तैयारी कर रहा है। मंत्रालय ने कहा कि इसके लिए एक विशेष संकट पैनल का गठन किया गया है।

इस बीच न्यूजीलैंड ने भी अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया है। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यूक्रेन में बसे उसके नागरिक तुरंत देश छोड़कर अपने मुल्क वापस चले आएं। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यूक्रेन की स्थिति कभी भी बदल सकती है। ऐसे में नागरिकों को उसे छोड़ देना चाहिए। बयान में कहा गया है कि यूक्रेन में न्यूजीलैंड का कोई राजनयिक मिशन नहीं है। ऐसे में नागरिकों को सीमित सहायता ही प्रदान की जा सकती है। इसलिए, उन्हें पहले ही सतर्क होकर न्यूजीलैंड वापस चले आना चाहिए।

इजराइल और न्यूजीलैंड के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, नीदरलैंड, तुर्की और दक्षिण कोरिया भी अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दे चुके हैं। दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दावा किया है कि रूस बीजिंग ओलंपिक के अंत से पहले ही अपने पड़ोसी देश पर हमला कर सकता है। हालांकि, रूस इन आरोपों का बार-बार खंडन कर रहा है। दोनों देशों के बीच छिड़े विवाद और युद्ध जैसे हालातों के बीच रूस ने यूक्रेन से राजनयिक कर्मचारियों की कटौती करना शुरू कर दिया है। एक न्यूज एजेंसी मुताबिक, रूस का कहना है कि वह यूक्रेन से राजनयिक कर्मचारियों की कटौती कर रहा है।

रूस को कड़े प्रतिबंधों के चेतावनी
यूक्रेन मामले पर रूस के साथ पश्चिमी देशों की तनातनी जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित पश्चिमी नेताओं ने रूस को चेतावनी दी है कि अगह वह यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। उधर, व्हाइट हाउस ने कहा है कि, जिस तरह से पुतिन ने अपनी सेना का निर्माण किया है और उन्हें यूक्रेन में तैनात किया है, और हमें जो खुफिया जानकारी मिली है, उससे स्पष्ट है कि रूस सैन्य कार्रवाई करेगा। यह काफी तेजी से हो सकता है।



अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 3 हजार और अमेरिकी सैनिकों को पोलैंड रवाना होने का आदेश दिया है. पहले से ही अमेरिका के 1.7 हजार सैनिक पोलैंड में तैनात हैं. इन तमाम घटनाक्रमों के बीच आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बाइडेन के बीच फोन कॉल पर बातचीत होनी है. एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर नाटो देश चिंतित हैं. उनकी चिंता कम करने के लिए ही अमेरिका नाटो देशों में सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है.

अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के मुताबिक जिन 3 हजार सैनिकों को पोलैंड भेजा जा रहा है. ये सैनिक उत्तरी कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग में तैनात थे और अगले सप्ताह की शुरुआत में पोलैंड पहुंच जाएंगे. सभी सैनिक अमेरिका की 82वीं एयरबोर्न डिवीजन की पैदल सेना का हिस्सा हैं. अमेरिका ने यह स्पष्ट किया है कि ये सैनिक यूक्रेन और रूस के बीच होने वाले किसी भी युद्ध का हिस्सा नहीं बनेंगे. इनका उद्देश्य सिर्फ नाटो देशों की सेना को ट्रेनिंग देना और युद्ध की स्थिति से निपटने की तैयारियां करवाना होगा. दरअसल, नाटो के सदस्य देश पोलैंड की सीमा यूक्रेन और रूस दोनों के साथ लगती हैं.
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किसी भी समय यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने का आदेश दे सकते हैं. इसलिए सभी अमेरिकी नागरिकों को यूक्रेन से निकल जाना चाहिए. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन में रह रहे अपने सभी नागरिकों से रूस की ओर से सैन्य कार्रवाई के बढ़ते खतरों के मद्देनजर तुरंत देश छोड़ने की अपील की है।

यूरोप में तैनात हैं अमेरिका के 80 हजार सैनिक
पोलैंड में तैनात अमेरिकी सैनिकों के अलावा जर्मनी में डिप्लॉय करीब 1,000 अमेरिकी सैनिक रोमानिया पहुंच गए हैं. इसके अलावा अमेरिका की 18वीं एयरबोर्न कोर के मुख्यालय से 300 सैनिक जर्मनी पहुंच चुके हैं. इनकी कमान लेफ्टिनेंट जनरल माइकल ई. कुरिल्ला के हाथों में है. नाटो देश के बीच समझौते के तहत अमेरिका के करीब 80 हजार सैनिक पूरे यूरोप में तैनात हैं. इनमें से कुछ स्थायी हैं, तो कुछ समय-समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट होते रहते हैं.

बाइडेन ने कहा कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो वह अमेरिकियों को बचाने के लिए सेना नहीं भेजेंगे। यूएस राष्ट्रपति ने चेताया है कि इस क्षेत्र में हालात तेजी से बदल सकते हैं। बाइडेन ने NBC न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिकी नागरिकों को अब यूक्रेन छोड़ देना चाहिए। एनबीसी न्यूज से जो बाइडेन ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में शामिल सेनाएं आमने-सामने होने जा रही हैं, यह एक बहुत ही अलग स्थिति है और चीजें जल्दी बदल सकती हैं। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर करीब एक लाख सैनिकों की तैनाती कर दी है ।

नाटो ने कहा है कि रूस की मिसाइलें, भारी तोपखाना और मशीन गनों के जवानों की तैनाती यूरोप के लिए खतरनाक क्षण है। बता दें कि सोवियत संघ के पतन के 30 साल बाद यह हालात बने हैं। पश्चिमी नेता इस प्रयास में जुटे हैं कि रूस के साथ बातचीत के रास्ते बंद न हों। वे चाहते हैं कि नाटो के विस्तार को लेकर रूस की चिंताओं एवं शिकायतों को सुना जाए। यूक्रेन के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन ने हाल ही में रूस से सहमति जताते हुए नाटो के विस्तार का विरोध किया था।

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