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सिर्फ एक कॉल ने छीन लिए 12 मंत्रियों के पद, जानें कैबिनेट विस्तार से पहले का पूरा किस्सा

नई दिल्ली। बुधवार को हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में हुए बड़े फेरबदल में कुछ नए चेहरे शामिल होते, उससे पहले पुराने मंत्रियों के पास एक फोन आया और धड़ाधड़ 12 इस्तीफे हो गए। यह फोन कॉल था भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा का जिन्हें वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ – समेत 12 मंत्रियों का इस्तीफा मांगना पड़ा।

नड्डा ने खुद उठाई मंत्रियों से इस्तीफा मांगने की जिम्मेदारी
सूत्रों के मुताबिक जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने कैबिनेट में फेरबदल करने की तैयारी की, तो जेपी नड्डा अपने फोन के साथ बैठ गए। पीएम मोदी अपनी टीम में कुछ नए चेहरों को शामिल करने जा रहे थे और कुछ मंत्रियों का प्रमोशन होना था। लेकिन कुछ नए चेहरों को शामिल करने से पहले कुछ पुराने और वरिष्ठ मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी होनी थी। इसलिए जरुरी था कि कैबिनेट विस्तार से पहले उनके इस्तीफे लिए जाए। लिहाजा  यह जिम्मेदारी खुद भाजपा अध्यक्ष ने उठाई। जिन्हें मंत्रियों का इस्तीफा मांगने के लिए सिर्फ एक फोन करने की जरुरत थी।


किस मंत्री के पास गया सबसे पहला फोन ?
कैबिनेट विस्तार के लिए शाम 6 बजे का समय तय किया गया था और उससे पहले हटाए जाने वाले मंत्रियों का इस्तीफा जरुरी था। सूत्रों के मुताबिक नए मंत्रियों के नामों की घोषणा से पहले नड्डा ने सुबह से ही एक-एक करके 12 मंत्रियों को फोन किया और उन्हें इस्तीफा देने को कहा। मंत्रियों को जल्दी अपना इस्तीफा राष्ट्रपति भवन भेजने के लिए कहा गया था। सबसे पहला फोन जल संसाधन राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया को किया गया। उसके बाद एक-एक करके सबको फोन किया गया।

इन मंत्रियों का लिया गया इस्तीफा
कैबिनेट विस्तार से पहले मोदी सरकार के एक दर्जन मंत्रियों ने इस्तीफा देना पड़ा था। इन 12 मंत्रियों में रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर, डॉ हर्षवर्धन, रमेश पोखरियाल निशंक, संतोष गंगवार, सदानंद गौड़ा, प्रताप सारंगी, देबाश्री चौधरी, संजय धोत्रे, बाबुल सुप्रीयो, राव साहेब दानवे  पाटिल और जलशक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया शामिल हैं. इन सभी मंत्रियों के इस्तीफे राष्ट्रपति ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले मंजूर कर लिए।

उससे पहले मंगलवार को ही सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाकर भेज दिया गया। हालांकि जिस तरह मंत्रियों के इस्तीफे लिए गए उससे कई मंत्री दुखी भी नजर आए। बाबुल सुप्रीयो ने इस्तीफे के बाद अपने फेसबुक पर लिखा-मैं अपने लिए दुखी हूं। मुझसे इस्तीफा देने को कहा गया था, तो मैंने दे दिया। सूत्रों के मुताबिक सुप्रियो इस बात से परेशान नजर आए कि बिना कारण बताए उनसे इस्तीफा मांग लिया।

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