- पर्यटन स्थल के होटलों में होगी मांग के अनुसार आपूर्ति, उत्पादन बढ़ाने पर जोर
भोपाल। प्रदेश का कड़कनाथ की बढ़ती मांग और लोगों की पंसद को देखते हुए कड़कनाथ देश एवं महानगर की पांच सितारा होटलों में मैन्यू डिश में व्यंजन के रूप में शामिल होगा। इसके लिए गत दिनों आद्यौगिक एवं निवेश की नीति की बैठक में निर्णय हुआ है। इसके लिए कड़कनाथ का उत्पादन और अधिक बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। दरअसल एक साल में कड़कनाथ का उत्पादन बढऩे के बाद भी अभी मांग के अनुसार पूर्ति नहीं हो पा रही है। वहीं पांच सितारा व पर्यटन स्थल के होटल संचालकों ने मैन्यू में शामिल करने की सहमति दी है, लेकिन इसके लिए उन्होंने नियमित मांग अनुसार उत्पाद उपलब्ध कराने की बात कही हैं। बताया जा रहा है कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत एक जिला एक उत्पाद में झाबुआ जिले की कड़कनाथ का शामिल किया गया है। झाबुआ में पाए जाने वाली कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति अपने गुणों के कारण इसकी मांग बढ़ रही है। दो माह पहले क्रिकेटर महेन्द्र ङ्क्षसह धोनी के फार्म हाउस में कड़कनाथ उत्पादन के लिए खेप पहुंची थी। इसके बाद इसकी पूछ- परख और बढ़ गई है। अब कड़कनाथ की मांग बढ़ती जा रही है। इसके अतिरिक्त इसकी मांग विदेशों में भी बढ़ रही है, लेकिन इसकी पूर्ति अभी नहीं हो पा रही है। गौरतलब है कि सरकार के कड़कनाथ को जी टैग प्रदान किया है।
बढ़ रहा उत्पादन
बताया जा रहा है कि झाबुआ जिले में अप्रैल 2021 में जहां कड़कनाथ मुर्गे की संख्या जहां 71 सौ थी। वहीं 4 हैचरी मशीन थी जिनकी क्षमता 22 हजार अंडे थी। वहीं अब 8 हैचरी मशीन से 48 हजार अंडे का उत्पादन बढ़ा है। वहीं इसकी संख्या भी 14500 हो गई है। इसके बावजूद इसकी मांग और पूर्ति को लेकर अब भी बड़ा अंतर है। ऐसे में जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में एक उत्पादन का बेहतर रोजगार का साधन बन सकता है।
577 लघु कड़कनाथ पालक
झाबुआ जिला उत्पाद में शामिल होने के बाद वर्तमान में 10 वृहद एवं 577 लघु फार्म कड़कनाथ पालन कर रहे हैं। जबकि इसके पहले की कड़क नाथ को को महज 6 वृहद और 26 लघु कड़क नाथ लघु पालक थे। जिला उत्पाद में शामिल होने के बाद इसके लिए ऑन लाइन प्लेटफॉर्म व बाजार उपलब्ध कराने के बाद कड़क नाथ की मांग दिनों दिन बढ रही है।
8 प्रशिक्षण संस्थान एवं 5 सोसायटी का गठन
इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए वर्तमान में 8 प्रशिक्षण संस्थान के अतिरिक्त नाबार्ड से 2 किसान उत्पादक संगठन का गठन किया गया है। जिनमें कुल 600 सदस्य है। इसके अतिरिक्त 8 प्रशिक्षण संस्थान और 5 सोसायटी बनाई गई है। इसके अतिरिक्त भोपाल, इंदौर और झाबुआ में एक कड़कनाथ पार्लर खोला गया है।