नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने कोविड महामारी (Covid epidemic by central government) के चलते नदियों में लाशों को बहाने के चलन पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकारों को युद्ध स्तर पर काम करने को कहा है। केन्द्र का कहना है कि कोविड से मृत व्यक्तियों को गरिमामय अंतिम संस्कार (Dignified funeral) देने के लिए राज्य सरकारों को आर्थिक मदद देनी चाहिए।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव पंकज मिश्रा ने इस संबंध में शनिवार को उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर गंगा नदी में लाशों को बहाने से रोकने के विषय पर चर्चा की। उन्होंने इसे अवांछनीय व भयावह बताया और कहा कि इससे गंगा में प्रदूषण बढ़ रहा है।
बैठक में आग्रह किया गया कि लाशों को गंगा में बहाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलना चाहिए। लोगों को नदी के किनारे रेत पर भी मृतकों को जलाने के रोकना चाहिए। राज्य प्रदूषण बोर्ड निरंतर नदी जल की स्थिति पर नजर बनाए रखें और समन्वय करे। इसके अलावा मृतकों को आर्थिक मदद दी जाए। इसके लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के फंड का इस्तेमाल किया जाए।
जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि गंगा से लगते जिलों में डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट को मंत्रालय के दिशा-निर्देश बता दिए गए हैं। गंगा घाटों के नजदीक 13 अतिरिक्त श्मशान घाट बनाए गए हैं। पंचायती राज मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रुपये दे रहा है।
वहीं बिहार के अधिकारियों ने कहा है कि राज्य सरकार पूरे विषय पर सतर्कता से कार्य कर रही है और लोगों को अंतिम संस्कार के लिए मदद और सुविधाएं भी दे रही हैं।
उल्लेखनीय है कि 11 मई को एनएमसीजी के महानिदेशक ने डीएम को इस संबंध में परामर्श जारी किया था। 12 मई को इसी संबंध में राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा गया था।
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