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KGF स्टार यश ने बताया, पहले हिंदी दर्शक क्यों उड़ाते थे साउथ फिल्मों का मजाक

मुंबई: पिछले कुछ सालों से दक्षिण भारतीय फिल्में (South Indian Movies) चाहे वे तमिल, तेलुगू, मलयालम या कन्नड़ हों, बॉक्स ऑफिस (Box Office) पर बहुत अच्छा प्रदर्शन करने के साथ-साथ लाखों लोगों के दिलों पर राज कर रही हैं. लेकिन ऐसा हमेशा से नहीं था, ये सिर्फ लॉकडाउन लगने के बाद हुआ, जब दर्शकों ने साउथ कंटेंट पर गौर किया और फिर वहां के मेकर्स का हुनर देखा. हाल ही में एक चैट में पैन इंडिया स्टार यश ने कहा पहले उत्तर भारत के लोग साउथ की फिल्मों को कैसे देखते थे.

एक दशक पहले बॉलीवुड से कड़ा कम्पटीशन करता था साउथ सिनेमा
रॉकी भाई के नाम से मशहूर यश मानते हैं कि एक दशक पहले बॉलीवुड को भारत में मुख्य फिल्म इंडस्ट्री माना जाता था और साउथ के 4 सिनेमा को हमेशा से हिंदी इंडस्ट्री के आगे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा. उस दौर में दक्षिण भारत की फिल्मों का उत्तर में बुरी तरह से प्रतिनिधित्व किया गया था. इस धारणा को बदलने के लिए ‘आरआरआर’ और ‘बाहुबली’ निर्माता एसएस राजामौली (SS Rajamouli) आगे आए. हाल ही में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में, यश ने इस बारे में खुलकर बात की कि एक दशक पहले उत्तर भारत के लोग दक्षिण भारतीय फिल्मों को कैसे देखते थे और कई लोगों ने इसका मज़ाक क्यों उड़ाया.


उत्तर में पहले ऐसे उड़ता था साउथ फिल्मों का मजाक
केजीएफ स्टार (Naveen kumar gowda) ने कहा, ’10 साल पहले, डब फिल्में उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय हुईं. लेकिन, शुरुआत में वे सभी अलग-अलग राय से देने लगे. लोग साउथ की फिल्मों का मजाक उड़ाते थे और ये क्या एक्शन है, ये सब उड़ रहा है…इस तरह की प्रतिक्रियाएं देते थे. इस तरह यह शुरू हुआ और आखिरकार बाद में वे वहां की आर्ट को समझने लगे.’ अभिनेता आगे कहते हैं, ‘इसके साथ समस्या यह थी कि हमारी फिल्में कम से कम कीमत पर बेची जाती थीं, लोग खराब गुणवत्ता वाली डबिंग करते थे और इसे मजाकिया नामों से बेकार तरीके से पेश किया जाता था.’

राजामौली ने किया बदलाव
साउथ में आए उस बदलाव को लाने में मदद करने के लिए आरआरआर और बाहुबली निर्माता एसएस राजामौली को श्रेय देते हुए ‘संथु स्ट्रेट फॉरवर्ड’ अभिनेता ने कहा, ‘लोग हमारी डब अच्छी गुढवत्ता वाली फिल्मों से परिचित होने लगे. यह लंबे समय से पेडिंग था और इसका क्रेडिट एसएस राजामौली सर को जाता है. यदि आपको एक चट्टान को तोड़ना है, तो निरंतर प्रयास की जरूरत है और बाहुबली ने वो कर दिखाया.’

चैनलों पर भी प्रसारित होने लगा साउथ फिल्मों का डबिंग वर्जन
यश ने अपनी ब्लकॉबस्टर पैन इंडिया को लेकर कहा, ‘केजीएफ एक अलग इरादे से बनाई गई थी. इसे डराने-धमकाने के लिए नहीं बल्कि प्रेरित करने के लिए बनाया गया था. लोगों ने अब साउथ की फिल्मों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. बता दें कि अब कुछ दशकों से, तमिल, ततेलुगू और कन्नड़ उद्योगों की फिल्में हिंदी डबिंग के साथ उत्तर में टीवी चैनलों पर प्रसारित हो रही हैं. समय के साथ, इन फिल्मों ने लोगों को अपने कंटेंट से इंप्रेस किया है.

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