विदेश

जानिए तालिबान के पास कैसे प‍हुंचे इतने घातक हथियार जिनकी बदौलत अफगानिस्‍तान पर किया कब्‍जा

काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में अब तालिबान (Taliban) का शासन है. ये सब उनके खतरनाक हथियारों (Weapons of Taliban) के बदबुते हुआ है। आइये जानते है अफगानिस्तान (Afghanistan) में मौजूद तालिबानियों के पास किस तरह के हथियार(Weapons) हैं? ये उन्हें कहां से मिले? ये हथियार कितने घातक हैं? कितने हथियार तालिबानियों ने लूटे हैं?
यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के पास युद्ध करने के लिए कई तरह के हथियार मौजूद हैं. तालिबान आतंकियों के पास एके-47, एके-56, रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड, एंटी-एयरक्राफ्ट गन, लाइट मशीन गन, पिस्टल, हैंडग्रेनेड, टैंक्स और मोर्टार जैसे हथियार तो हैं ही, उन्होंने अफगानी सेनाओं से कई हथियार लूट भी लिए हैं. कई बर्बाद भी कर दिए हैं.
स्टेटिस्टा नाम की साइट ने द ओरिक्स ब्लॉग के हवाले से लिखा है कि तालिबान ने अफगान सेनाओं से 14 अगस्त 2021 तक 303 हमवी (HMMWV) पर कब्जा कर लिया है और 41 बर्बाद कर दिए हैं. वहीं, 256 फोर्ड रेंजर (Ford Ranger) नाम का सैन्य वाहन कब्जा किया है और 21 बर्बाद कर दिया है. 133 नेवीस्टार इंटरनेशनल 7000 सीरीज ट्रक कब्जा किया है और 6 बर्बाद कर दिए हैं. 33 टैंक्स और मोर्टार पर कब्जा कर लिया है. 23 M117 आर्मर्ड सिक्योरिटी व्हीकल पर कब्जा किया है और चार बर्बाद कर दिए हैं. तालिबानियों ने 4 अफगानी हेलिकॉप्टर्स को रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड से मारकर गिरा दिया है. इसके अलावा 3 एंटी-एयरक्राफ्ट गन पर कब्जा किया है. साथ ही 2 टी-55 और टी-62 टैंक्स भी कब्जे में ले लिया है.



अमेरिका ने अफगानिस्तान को अप्रैल से जुलाई 2021 में कई हथियार और वाहन दिए. जिसमें छह A-29 लाइट अटैक हेलिकॉप्टर्स, 174 हाई मोबिलिटी मल्टीपर्पज व्हील्ड व्हीकल (Humvees), 2.75 मिलीमीटर के 10 हजार हाई एक्सप्लोसिव रॉकेट्स, 40 मिलीमीटर के 61 हजार हाई एक्सप्लोसिव राउंड्स, 0.50 कैलिबर के 9 लाख राउंड्स और 7.62 मिलिमीटर के 20.15 लाख गोलियां दी थीं. इनमें से ज्यादातर पर तालिबानियों ने कब्जा कर लिया है.
द ओरिक्स ब्लॉग के मुताबिक अफगान सेना के पास कुल 12 टैंक्स थे, जिनमें 7 टी-54 और टी-55 टैंक्स थे और 5 टी-62. ये सारे टैंक्स अब तालिबानियों के कब्जे में हैं. ये टैंक्स चीन द्वारा अफगानिस्तान को दिया गया था. अफगान सेना के पास 60 आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल थे, जिसमें से 9 बर्बाद किए जा चुके हैं और 51 पर कब्जा हो चुका है. ये गाड़ियां अमेरिका ने दी थीं.
तालिबानियों ने अफगान सेनाओं से कुल 61 आर्टिलरी यानी टैंक्स और मोर्टार लूट लिए हैं. इसमें 60 मिमी, 82 मिमी, 120 मिमी के मोर्टार शामिल हैं. इसके अलावा 19 मोर्टार ऐसे हैं, जिनके मेक के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसके अलावा 76 मिमी के 3 डिविजनल गन और 132 मिलिमीटर के 35 हॉवित्जर तोप तालिबानियों ने कब्जा कर लिया है. ये गन और तोप चीन ने अफगानिस्तान को दिए थे.
अफगान सेनाओं के पास 8 एंटी-एयरक्राफ्ट गन थे. जो कि चीन द्वारा निर्मित हैं. ये आठों एंटी-एयरक्राफ्ट गन इस समय तालिबानियों के कब्जे में हैं. इसके अलावा तालिबानियों ने अफगान सेनाओं के पास मौजूद 23 एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर्स में से 7 बर्बाद कर दिए और 16 पर कब्जा कर लिया है. इसमें रूस द्वारा निर्मित 13 Mi-17 हेलिकॉप्टर, चीन द्वारा निर्मित 1 Mi-35 हेलिकॉप्टर, अमेरिका के 7 UH-60A ब्लैकहॉक और 2 MD 530F एयरक्राफ्ट शामिल है.
तालिबानी इतने ताकतवर हो चुके हैं कि उन्होंने ड्रोन्स को भी नहीं छोड़ा. अफगान सेनाओं के पास मौजूद 7 ड्रोन्स में चीन द्वारा दिए गए एक ड्रोन को मार गिराया गया है. जबकि बाकी छह अमेरिकी ड्रोन्स इस समय तालिबानियों के कब्जे में हैं. ये बोइंग कंपनी द्वारा बनाया गया इनसीटू स्कैनईगल ड्रोन्स हैं.
अफगान सेनाओं के पास कुल 2086 ट्रक, सैन्य वाहन और जीप थे. जिनमें से 106 को तालिबानियों ने बम से उड़ा दिया. 1980 ट्रक्स, सैन्य वाहन और जीप उनके कब्जे में हैं. ये सारे वाहन अमेरिका द्वारा अफगान सेनाओं को दिए गए थे. इसके अलावा 6 फ्रंट स्किड लोडर, 2 बुलडोजर, 1 एक्सावेटर और एक एयरपोर्ट कंस्ट्रक्शन यंत्र भी तालिबान के कब्जे में है. यानी इस समय तालिबानी आंतकियों के पास अत्याधुनिक हथियार, वाहन, संचार के माध्यम, बख्तरबंद गाड़ियां आदि सब कुछ है.
यूएन की सिक्योरिटी काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस समय अफगानिस्तान में तालिबान के पास 85 हजार सक्रिय लड़ाके हैं. जिनमें से 10 हजार विदेशी आंतकी माने जा रहे हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान की फौज में 6500 पाकिस्तान नागरिक भी जुड़े हैं. कुछ मध्य एशिया, चेचन्या और अलकायदा के समूहों से आए हैं.
अगर एके-47 या एके-56 की बात करें तो 100 मीटर तक की रेंज तक सटीक निशाना लगाती हैं. इसके अलावा लाइट मशीन गन, यानी वो बंदूक जिसमें चेन से गोलियां जाती हैं. वो बंदूक 700 से 3600 मीटर तक गोली मारने में सक्षम होती है. यह उसके मेक और मजल साइज पर निर्भर करता है. रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) की रेंज 700 मीटर अधिकतम होती है. इससे किसी भी टैंक, बख्तरबंद गाड़ी, हेलिकॉप्टर या विमान को उड़ाया जा सकता है, अगर निशाना सही लगाया जाए तो. (फोटोः रॉयटर्स)
एंटी एयरक्राफ्ट गन की रेंज 4.5 किलोमीटर से 27 किलोमीटर तक की होती है. अगर सटीक निशाना लगाया जाए तो इससे ड्रोन्स और फाइटर जेट को मार गिराया जा सकता है. जहां तक बात रही मोर्टार की तो ये छोटी तोप होती है, जिसमें एक गोला निकलता है और वह टारगेट से थोड़ा ऊंचाई पर फटता है. इसमें कीलें, बारूद और कांच भरे होते हैं, जो विस्फोट के बाद सैकड़ों लोगों को घायल कर सकते हैं. या फिर मार सकते हैं. ये किसी भी फौज को कमजोर करने के लिए एक ताकतवर हथियार है.

Share:

Next Post

तालिबान और भारत के छद्म सेक्युलरवादी

Fri Aug 20 , 2021
– डॉ. राघवेंद्र शर्मा अफगानिस्तान में तालिबान राज से उपजे हालातों ने भारत के छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।बहुलता, सहिष्णुता, जेंडर और धार्मिक आजादी की तकरीरें देने वाली जमात इस अफगान संकट पर मुंह में दही जमाकर बैठी है। देश में जिस तरह से तालिबान के पक्ष में बड़ा […]