मध्‍यप्रदेश

नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने बागेश्वर धाम को बताया पाखंड, मांगा प्रमाण

भोपाल। नागपुर (Nagpur) की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति और छतरपुर के बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के बीच टकराव बढ़ गया है। रायपुर में शास्त्री ने कहा कि नागपुर वालों आ जाइए। आपकी पैंट गीली हो जाएगी। फिर मत कहना कि भाग गए। अब तो हम तुम्हारे सिर पर नाचेंगे… चिंता मत करो। अब मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह (Leader of Opposition Govind Singh) ने भी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कारों पर सवाल उठाया है। हालांकि, मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी (BJP MLA Narayan Tripathi) ने इस मसले पर रविवार को महासभा बुलाई है।

दरअसल, पिछले दिनों धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नागपुर में कार्यक्रम था। उनके चमत्कारों को लेकर नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने उन्हें चुनौती दे दी थी। कहा था कि अगर धर्मेंद्र शास्त्री अपने चमत्कार मेरे सामने करके दिखाते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। वे दो दिन पहले ही रामकथा खत्म कर 13 जनवरी के बजाय 11 जनवरी को छतरपुर लौट गए। अब यह मामला मीडिया में गरमा गया है।

विवाद बढ़ा तो मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने भी बागेश्वर धाम से प्रमाण मांग लिया। गोविंद सिंह ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मैं सनातन धर्म में विश्वास करता हूं, लेकिन पाखंड और ढोंग में मेरा भरोसा नहीं है। देश में 80-90 प्रतिशत सनातनी रहते हैं और सभी पाखंड को ठीक नहीं मानते। जब बाबा को नागपुर की अंधविश्वास उन्मूलन समिति ने शक्तियां प्रमाणित करने की चुनौती दी तो वे वहां से क्यों भाग गए। अगर उनमें सच्चाई है तो जवाब दें। प्रामाणिकता के आधार पर जवाब दें। तांत्रिक जैसी प्रथा को प्रचारित कर रखा है, उसे प्रमाणित करें।


हालांकि, भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने बागेश्वर धाम का समर्थन करते हुए कहा कि इस समय जल्दी नाम कमाने के चक्कर में हिन्दू आस्था और भगवान राम, कृष्ण और संत-मुनियों के खिलाफ लोग टिप्पणी करने लगे हैं। इस बात से दिल दुखता है कि कोई कैसे धर्मगुरूओं का अपमान कर रहा है क्या किसी और धर्म में किसी धर्म और धर्मगुरूओं का अपमान संभव है। 22 जनवरी को भोपाल के 10 नंबर में बागेश्वर धाम सरकार के पक्ष में एक महासभा बुलाई गई है। जिस दिन से बागेश्वर धाम सरकार ने कुछ इसाइयो की हिंदू धर्म में वापसी कराई है, उस दिन से उन पर आरोप की बौछार हो रही है। इसका समाज को विरोध करना चाहिए।

शास्त्री ने ही उल्टा श्याम मानव को चुनौती दे डाली है। उन्होंने कहा कि हमें चुनौती स्वीकार है। लेकिन दरबार में आना होगा। तुम्हारी ठठरी बांध देंगे। आ जाओ, खर्च हम देंगे। सुरक्षा भी देंगे। पनीर की सब्जी भी खिलाएंगे। दो मिर्च भी खिलाएंगे क्योंकि मिर्च तो लगेगी ही और छोड़ेंगे नहीं। उनकी ठठरी भी बांध देंगे।

बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण के देश-विदेश में हजारों भक्त हैं। उनकी रामकथा सुनने हजारों लोग पहुंचते हैं। उनके दरबार में वे जिस तरह से किसी अपरिचित को सामने बुलाकर उसके प्रश्नों को सबके सामने रखते हैं और समाधान देते हैं, लोगों में चर्चा का विषय है। हालांकि, नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने चुनौती दी है कि यह चमत्कार नहीं है बल्कि धोखाधड़ी की जा रही है। इसी बात को लेकर दोनों में ठनी हुई है।

शास्त्री का जन्म चार जुलाई 1996 में छतरपुर में हुआ था। पिता रामकृपाल गर्ग और मां सरोज गर्ग की तीन संतानों में धीरेंद्र सबसे बड़े हैं। उनका बचपन गरीबी में ही बीता है। हायर सेकंडरी तक पढ़े धीरेंद्र कृष्ण अपने पिता की तरह कथा करने लगे। गांव में हनुमान जी का मंदिर है, जिसे बालाजी मंदिर कहा जाता है। धीरेंद्र कृष्ण के दादा भगवानदास गर्ग की समाधि यही पर है। शास्त्री का दावा है कि उनकी तपस्या और गुरु दादाजी महाराज के आशीर्वाद से उन्हें भविष्य जानने की अनुभूति प्राप्त हुई है।

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