- अनलॉक में राजनीतिक गतिविधियों पर लगा था प्रतिबंध
भोपाल। प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच राजनीतिक क्षेत्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसकी वजह राजनीतिक दलों की ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भारत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का उल्लंघन है। अनलॉक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध बरकरार रखा थ। इसके बावजूद भी राजनीतिक दल लगाकर बैठक एवं कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे थे। जिनमें अच्छी खासी भीड़ भी जुटाई गई थी। हालांकि पिछले पिछले कुछ दिनों के भीतर राजनेताओं के संक्रमित होने के बाद राजनीतिक गतिविधियों पर रोक सी लग गई है। उपचुनाव वाले क्षेत्रों में नेताओं के दौरे फिलहाल थम गए हैं।
राजनीतिक दलों द्वारा गाइडलाइन के उल्लंघन पर प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। क्योंकि इस संबंध में एक दल दूसरे के खिलाफ शिकायत भी नहीं कर रहे हैं। क्योंकि दोनों ही दलों के नेता राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कोरोना पॉजीटिव मिलने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं, लेकिन कांग्रेेस ने राजनीतिक गतिविधियों पर सवाल नहीं उठाए। क्योंकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एवं अन्य नेता भी पार्टी नेताओं की बैठक कर रहे हैं और नेता उपचुनाव वाले क्षेत्रों में भी जा रहे हैं।
चुनाव क्षेत्रों में गांव-गांव सभाएं जैसे कार्यक्रम
उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस एवं भाजपा के नेता गांव-गांव संपर्क में जुटे हंै। जो पूर्व विधायक शिवराज सरकार में मंत्री है, वे उपचुनाव में जीतने के लिए ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। वे चुनाव की तरह ही सुबह से लेकर शाम तक क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वे जगह-जगह कार्यक्रमों में शामिल होकर संबोधित भी कर रहे हैं और भीड़ के साथ सेल्फी एवं मिल-जुल भी रहे हैं। यह स्थिति ग्वालियर-चंबल के उन जिलों में देखी गई है, जहां जिला प्रशासन की ओर से लॉकडाउन घोषित है, लेकिन नेता गांव-गांव संपर्क कर रहे हैं।
न सरकार ने रोक रही न आयोग
चुनाव आयोग ने हाल ही में विधानसभा उपचुनाव वाले जिलों के कलेक्टरों से जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें पूछा गया कि चुनाव क्षेत्र में संक्रमण की स्थिति क्या है। सितंबर तक चुनाव कराना संभव हो पाएगा या नहीं। कोरोना से बचाव के लिए पोलिंग बूथ केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा सकती है या नहीं। कलेक्टरों ने रिपोर्ट आयोग को भेज दी है, लेकिन आयोग ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राजनीतिक दलों के लिए किसी तरह की गाइडलाइन जारी नहीं की है। न ही राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में कोई गाइडलान जारी की है। जबकि आम लोगों पर लॉकडाउन में सख्ती करने के सख्त आदेश हैं।