- एनएसए पर कल कमेटी करेगी फैसला
जबलपुर। पुलिस-प्रशासन द्वारा शहर के बड़े बदमाशों पर ताबड़तोड़ कार्यवाहियां की गई। लेकिन पुलिस-प्रशासन द्वारा की गई कुछ एनएसए की कार्रवाई सवालों के घेरे में रहीं है। पिछले दिनों जब विजय नगर में नाबालिग दुराचार का मामला हुआ तो शहर दो विचारधाराओं में बट गया था। जो कि विशेष तौर पर दो धर्म संप्रदाय विशेष था। सोशल मीडिया में शहर की जनता बार-बार यह सवाल कर रही थी कि जब उतने ही मामलों में महादेव पर कार्रवाई कर दी गई तो शहर के कुछ बदमाश क्यों छूट गए। कोतवाली क्षेत्र में एक तरफ महादेव अवस्थी को लेकर तरह-तरह की कहानियां चर्चाओं का विषय रहीं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ दूसरी बातें थी चर्चित थी।
जिसमें की सबसे प्रमुख बात महादेव अवस्थी जो कि नेत्र हीन है और इसके साथ ही धार्मिक कार्यों में भी रुचि रखता है। महादेव का भण्डारा नवरात्री के साथ साथ तीज पर्व में पूरे शहर में चर्चित है। महादेव के जानने वाले बताते है कि मात्र चार अपराधिक धाराएं थी फिर भी किसी षडयंत्र के चलते महादेव अवस्थी पर एनएसए की कार्रवाई कर दी गई। आस-पड़ौस के लोग कहते हैं कि महादेव सनातन कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है। इसलिए कुछ हिन्दू परिवारों द्वारा उसे मसीहा के तौर पर देखा जाता है। क्योंकि इन्हीं परिवारों के घरों की शादियों में महादेव ने आर्थिक रूप से मदद की है। जिन्होंने महादेव पर मामले दर्ज कराए वह खुद आपराधिक गतिविधियों में हैं। वहीं इसके विपरीत पुलिसिया कार्यवाही के अनुसार महादेव एक सूदखोर है, जमीनों में कब्जा भी करता है। इसलिए उसपर एनएसए की कार्रवाई ही गई है। एनएसए को लेकर एक कमेटी गठित की जाती है, जो इन अपराधियों के रिकार्डों को खंगालते हुए सुनवाई करती है कि उन पर एनएसए लगना चाहिए की नहीं। इसी कड़ी में कल महादेव अवस्थी के साथ ही शेरू सोनकर, चंचू, मनीष, भोला शकील पर लगाए गए एनएसए मामले की भी सुनवाई है। देखना रोचक होगा कि महादेव अवस्थी इस एनएसए से बाहर आ पाता है या नहीं। कुल मिलाकर महादेव को अब महादेव से ही आस रखनी होगी। Share: