मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra Political Crisis) विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल (Deputy Speaker Narhari Jirwal) ने शिवसेना की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है जिसमें पार्टी ने अपने 16 विधायकों की सदस्यता रद्द (Membership of 16 MLAs cancel) करने की मांग की थी. इस मामले में विधानसभा उपाध्यक्ष शनिवार को शिवसेना के 16 विधायकों को नोटिस जारी कर सकते हैं और इस इन बागी विधायकों को 48 घन्टे के भीतर जवाब देना होगा।
सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि, विधायकों के निलंबन से जुड़े इस मामले पर 27 जून सोमवार को सुनवाई हो सकती है। उधर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने शुक्रवार को बैठक कर डिप्टी स्पीकर को हटाने के लिए प्रस्ताव लाने पर विचार किया है। एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरावल को हटाने के लिए एक प्रस्ताव लाने पर विचार किया. सूत्रों के मुताबिक बागी गुट के 46 विधायकों के हस्ताक्षर से प्रस्ताव तैयार करने की कार्रवाई की जा रही है।
इससे पहले सीएम उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों पर जमकर बरसे, उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में ये लोग पार्टी के टिकट पर जीते और बदले हमें धोखा दिया. कांग्रेस और एनसीपी आज हमारा समर्थन कर रहे हैं. लेकिन हमारे ही लोगों ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा है. उन्होंने कहा कि, “मेरा अपमान कीजिये, लेकिन परिवार का नहीं. मैं सत्ता का लालची नहीं हूं।”
उधर एकनाथ शिंदे गुट के बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि, हमें परेशानी उद्धव ठाकरे से नहीं बल्कि एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन से है. अगर उद्धव ठाकरे यह गठबंधन तोड़ते हैं तो हमें उनसे कोई शिकायत नहीं होगी।
दीपक केसरकर ने यह भी कहा कि, बीजेपी हमारी पुरानी सहयोगी रही और हमारा उनसे संपर्क है. शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से भटक गई है. इसलिए मौजूदा गठबंधन से बाहर निकलने की जरूरत है।
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