नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में जीत की हैट्रिक लगाने के बाद अब तृणमूल कांग्रेस की सुप्रिमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की निगाहें त्रिपुरा (Tripura Assembly Election) पर टिकी हैं. वो राज्य जहां साल 2018 के विधासनभा चुनाव में बीजेपी ने लेफ्ट के 25 साल के राज को खत्म किया था.
ममता ने यहां विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी की ज़मीन तैयार करने के लिए एक पांच सदस्यीय टीम बनाई है. इसे पांच पांडव का नाम दिया गया है. इस टीम में कानून मंत्री मोलॉय घटक, शिक्षा मंत्री ब्राट्यो बसु, INTUC बंगाल के अध्यक्ष रितोब्रत भट्टाचार्य और पूर्व विधायक समीर चक्रवर्ती शामिल हैं. इन सबको बारी-बारी से लगातार त्रिपुरा का दौरा करने और वहां संगठन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है.
सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस ने त्रिपुरा में खासा रिसर्च किया है और उन्हें उम्मीद है कि वो भी वहां अपनी जमीन तैयार कर सकती है. लिहाजा डेढ़ साल बाद होने वाले चुनाव के लिए अभी से रणनीतियां बनाई जा रही हैं. बता दें कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की ‘आई-पैक’ टीम के साथ अगरतला के एक होटल में रोक दिया गया था.
अभिषेक बनर्जी का आरोप : हालांकि बाद में त्रिपुरा पुलिस ने दावा किया था कि उन्हें कोविड-19 प्रोटोकॉल के कारण उनके कमरों में रोका गया था. इसके बाद टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया था कि ‘आई-पैक’ कर्मचारियों को हाउस अरेस्ट में रखा गया है, क्योंकि भाजपा बंगाल में उनकी पार्टी की जीत से बेहद परेशान है.’
Democracy in Tripura under @BJP4India rule!
Well done @BjpBiplab for taking the state to new heights. pic.twitter.com/3LoOE28CpW
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) August 2, 2021
हमले का लगाया था आरोप : बनर्जी को भी त्रिपुरा पहुंचने पर विरोध का सामना करना पड़ा. पार्टी ने आरोप लगाया कि उनकी कार पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमला किया. वो राज्य के उदयपुर में प्रसिद्ध त्रिपुरेश्वरी मंदिर में पूजा कर लौट रहे थे. उन्होंने ये भी दावा किया कि कोलकाता से आए उनके तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. सूत्र ने कहा कि टीएमसी आलाकमान ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि हमले के मुद्दे को उजागर करने के साथ ही क्षेत्र में संगठनात्मक ताकत बढ़ानी होगी.
ममता का सच नहीं होगा सपना : कुणाल घोष पहले ही त्रिपुरा का दौरा कर चुके हैं और लोगों से मिल चुके हैं. समीर चक्रवर्ती 7 अगस्त से अपनी यात्रा शुरू करेंगे, उसके बाद बाक़ी लोग भी आएंगे. टीएमसी की योजना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि त्रिपुरा में सत्ता हासिल करना ममता बनर्जी की पार्टी के लिए ‘सपना’ है जो कभी सच नहीं होगा.
TMC ने झौंकी ताकत : हालांकि टीएमसी इस सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. पार्टी द्वारा राज्य के लिए एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल भी लॉन्च किया गया है. ये बंगाल के बाहर के क्षेत्र के लिए पार्टी का पहला माइक्रोब्लॉगिंग साइट हैंडल है. त्रिपुरा में अच्छी खासी संख्या में बंगाली आबादी रहती है. लिहाजा सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए, टीएमसी राज्य में सत्ता हासिल करने की उम्मीद पर सवार है.
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